कर्मचारियों को वेतन मिलने में नहीं होगी देरी और सिर्फ 8 घंटे ही करेंगे काम
नई दिल्ली। कामगारों की वेतन संबंध परेशानी अब जल्द ही सुलझने वाली है। कामगारों को वेतन के लिए लंबा इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार बहुत जल्द कोड ऑन वेजेज 2019 को लागू कर सकती है।
उम्मीद है कि सितंबर महीने तक इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने कोड ऑन वेजेज यानि वेतन कोड का मसौदा 7 जुलाई को गजट में प्रकाशित कर दिया है।
श्रम व रोजगार मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण कानून के मसौदे को आम लोगों की प्रतिक्रिया के लिए जारी किया है। यह वेतन कोड सभी कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारण समेत वेतन भुगतान में देरी जैसी सभी परेशानियों को खत्म कर देगा।
50 करोड़ से अधिक कामगारों को होगा फायदा
संसद में कोड ऑन वेजेज बिल, 2019 को पेश करते वक्त श्रम संतोष गंगवार ने कहा था कि इस बिल के पारित होने से देश में 50 करोड़ से अधिक कामगारों को सीधा लाभ मिलेगा। बिल को लोकसभा पिछले वर्ष 30 जुलाई और राज्यसभा दो अगस्त को पारित कर चुकी है।
कामगारों को होगा यह फायदा
इस कानून के लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन कानून, वेतन भुगतान कानून, बोनस भुगतान कानून और समान वेतन कानून खत्म हो जाएंगे और उनकी जगह यही एक कोड अस्तित्व में रहेगा। वेतन में महिला, पुरुष या अन्य कामगारों के वेतन में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। एक ही कंपनी के कर्मचारियों में वेतन मिलने की तिथि में अंतर नहीं होगा। कर्मचारी रोजाना आठ घंटे ही काम करेंगे और काम के घंटों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। न्यूनतम वेतन का निर्धारण एक केंद्रीय सलाहकार बोर्ड करेगा।
पहली बार 2017 में लोकसभा में पेश हुआ था बिल
गौरतलब है कि श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ‘कोड ऑन वेजेस’ बिल को लोकसभा में 23 जुलाई 2019 को पेश किया था। इसके बाद 30 जुलाई को यह बिल लोकसभा से और 2 अगस्त को राज्यसभा से पारित हुआ था। 8 अगस्त 2019 को इस पर राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी। पहली बार साल 2017 में यह विधेयक पेश हुआ था। ‘कोड ऑन वेजेस’ नामक यह बिल पहली बार 10 अगस्त, 2017 को लोकसभा में पेश हुआ था।