जालंधर (योगेश सूरी) : विगत दिवस भगवान वाल्मीकि जयंती शोभायात्रा के दौरान वाल्मीकि समाज के सदस्य को जातिसूचक शब्द बोलने व धमकाने के आरोप में नामजद किए गए वरिष्ठ पत्रकार राजेश कपिल के पक्ष में आज शहर के प्रमुख वाल्मीकि संगठन उतर आए है। वाल्मीकिन टाइगर फोर्स के प्रधान अजय खोसला के नेतृत्व में विभिन्न वाल्मीकि संगठनों के नेताओं का एक शिष्टमंडल आज पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा से मिला और सीनियर पत्रकार राजेश कपिल पर साजिश के तहत दर्ज करवाए मामले को रद्द करने की मांग रखी। समाज के लोगों ने सिटी पुलिस को मांग पत्र सौंपकर पत्रकार राजेश कपिल पर दर्ज मामले को मनगढ़त एवं झूठा करार देते हुए उसे तत्काल चश्मदीद गवाहों के एफिडेविट और वीडियो सबूतों के आधार पर रद्द करने की मांग की है। वही सीपी स्वपन शर्मा ने एसपी लेवल के अधिकारी से 2-4 दिनों में पूरे घटनाक्रम की जांच रिपोर्ट तलब करने को कहा है और साथ यह भी कहा है कि किसी के साथ बेइंसाफी नहीं होगी। पुलिस कमिश्नर को मिलने के बाद प्रधान अजय खोसला ने मीडिया से बातचीत दौरान बताया कि वह आज शांतिपूर्वक पुलिस कमिश्नर आफिस पहुंचे और सीनियर पत्रकार राजेश कपिल के साथ हुई साजिश को उनके समक्ष गवाह व वीडियो सबूत पेश करके बेनकाब किया है। श्री खोसला ने बताया कि 16 अक्टूबर को शहर में भगवान वाल्मीकि जयंती शोभायात्रा पूरे हर्षोल्लास के साथ निकली, जिसमे उनकी संस्था का जत्था भी हर साल की तरह शामिल हुआ था। उन्होंने कहा कि जत्थे में समाज की बेहतरी के लिए सदैव तत्पर रहने वाले सीनियर पत्रकार राजेश कपिल को बतौर मेहमान शामिल किया गया था। श्री खोसला ने बताया कि उनकी संस्था का जत्था शाम करीब 4 बजे सिटी रेलवे स्टेशन से चलकर शाम करीब 5.10 बजे पुराने थाना 3 के पास पहुंचा था। श्री खोसला ने पूरे दावे के साथ कहा कि शोभायात्रा मार्ग पर स्टेज लगाकर साथियों सहित बैठे शिकातयकर्ता राहुल गिल उर्फ विराट उर्फ राम ने खुद अपनी कुर्सी से उठकर जीप में वाल्मीकि समाज के युवाओं के साथ सवार पत्रकार राजेश कपिल को अंगुली दिखाकर धमकीपूर्ण इशारा किया था, जिस पर राजेश कपिल ने कोई जबाव नहीं दिया। उन्होंने आगे बताया कि जब जत्था कुछ आगे बढ़ा तो लव-कुश चौक के पास शिकायतकर्ता राहुल गिल ने साथियों समेत आकर राजेश कपिल की जीप का रास्ता रोक लिया और वह सभी पत्रकार राजेश कपिल को शोभायात्रा से बाहर निकालने पर अड़ गए जिसका समाज के काफी लोगों ने विरोध जताया लेकिन इसी बीच राहुल गिल व उसके साथी हमलावरों की तरह राजेश कपिल पर टूट पड़े और जान से मारने की धमकियाँ देते हुए गाली-गलोज करने लग गए थे। श्री खोसला ने आगे बताया कि सीनियर पत्रकार राजेश कपिल जोकि बेहद शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं, ने उनकी गालियों का जबाव भी भगवान वाल्मीकि जी के जयकारों के साथ दिया और शोभायात्रा की मर्यादा को भंग नहीं होने दिया जिसकी मौके पर मौजूद समाज के लोगों ने काफी सराहना की है। हैरत जताते हुए प्रधान अजय खोसला ने बताया कि घटना के समय थाना 3 के एसएचओ रविंदर कुमार खुद चौक में मौजूद थे और तो और असुरक्षा की भावना महसूस होने पर उसी समय राजेश कपिल ने खुद पुलिस कमिश्नर को फोन करके सुरक्षा यकीनी बनाने की मांग की थी और उनको लिखित शिकायत भी दर्ज करवाई थी। सिटी पुलिस के रवैये प्रति अफसोस जाहिर करते हुए अजय खोसला बोले कि शिकायत के बावजूद और घटनाक्रम के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि इसके विपरीत सीनियर पत्रकार राजेश कपिल के खिलाफ 19 अक्टूबर को एक साजिश के तहत शिकायतकर्ता राहुल गिल को धमकाने और जातिसूचक शब्द बोलने का मामला दर्ज कर लिया गया जोकि सरासर नाइंसाफी है क्योंकि शोभायात्रा में मौजूद वाल्मीकि समाज के सैंकडों लोग घटना के गवाह हैं और पूरे घटनाक्रम की वीडियों भी बनी हुई है। श्री खोसला ने कहा कि वाल्मीकि समाज न तो किसी के साथ धक्केशाही बर्दाश्त करता और न समाज के किसी व्यक्ति को किसी के साथ धक्केशाही करने का संदेश देता है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि किसी पर जातिसूचक शब्द बोलने का झूठा मामला दर्ज करवाने से वाल्मीकि समाज की बदनामी होती है और वह वाल्मीकिन टाइगर फोर्स तथा हमारे साथ जुड़े अन्य वाल्मीकि संगठन कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। समाज के लोगों ने सिटी पुलिस को मांग पत्र सौंपकर पत्रकार राजेश कपिल पर दर्ज मामले को मनगढ़त एवं झूठा करार देते हुए उसे तत्काल चश्मदीद गवाहों के एफिडेविट और वीडियो सबूतों के आधार पर रद्द करने की मांग की है। शिष्टमंडल में शामिल नेताओं ने सिटी पुलिस को चेतावनी दी है कि यदि केस सप्ताह भर में रद्द नहीं किया गया तो मजबूरन उनको संघर्ष पर उतरना पड़ेगा और इंसाफ न मिलने पर पंजाब बंद की काल देंगे। प्रधान अजय खोसला ने बताया कि पत्रकार राजेश कपिल वाल्मीकि समाज के अधिकारों के प्रहरी है, उनके अधिकारों के लिए लडऩे वाले हैं और वह कभी समाज के किसी वर्ग को जातिसूचक शब्द नहीं बोल सकते है। हालांकि प्रधान अजय खोसला व उनकी संस्था के पदाधिकारी मौके के गवाह है कि पत्रकार राजेश कपिल ने न तो राहुल गिल को धमकाया और न ही जातिसूचक शब्द बोले। इस अवसर पर वाल्मीकिन टाइगर फोर्स के उप-प्रधान विक्की चीदा, भगवान वाल्मीकि वैल्फेयर कमेटी के पंजाब प्रधान सोमा गिल, श्री गुरु रविदास फोर्स पंजाब के प्रधान सन्नी जस्सल, भीम आर्मी चीफ कमलजीत, बलजीत गिल, ऋषि बधन, रोहित, राजन, साजन, नीरज बैंस, ऋर्षि हंस, रंजीत, अवी, रजनीश, बंटी, गौरव समेत भारी संख्या में वाल्मीकि समाज के नेताओं ने सीपी जालंधर से मुलाकात की है।
एक करोड़ रुपए नहीं दे सकता, धमकाने की जरूरत नहीं : पत्रकार राजेश कपिल
पत्रकार राजेश कपिल ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि केस दर्ज करवाने वाला राहुल गिल कोई और नहीं बल्कि वह शख्स है जिसने बीते साल भी उनके खिलाफ अपने भाई रवि गिल की आत्महत्या के बाद मेरे पर झूठा केस दर्ज करवाया था और उस केस में भी लोगों की संवेदना का लाभ लेकर जातिसूचक शब्द बोलने की धारा जुड़वाई थी और बिना सोचे समझे कुछ भी बोलने के दौरान भाई रवि को परेशान करके 10 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाकर उनकी छवि समाज में धूमिल की थी। पत्रकार राजेश कपिल ने बताया कि वह मामला अदालतों में लंबित है। हाईकोर्ट का अंतरिम स्टेआर्डर जारी है। चार्ज के खिलाफ रिवीजन पटीशन में राहुल गिल का जबावदावा दाखिल हो चुका है। अब फाइनल बहस के बाद फैसला होना बाकी है। ट्रायल भी स्टे हो चुका है। राजेश कपिल ने कहा कि अब ऐसे में गवाही के लिए धमकाना और राजीनामा का दबाव तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि केस के बाद वह 10-11 महीनों से एक्टिव हैं लेकिन कभी राहुल गिल ने उन पर ऐसा आरोप नहीं लगाया। राजेश कपिल ने उम्मीद जताई कि वाल्मीकि समाज हमेशा सच के साथ खड़ा हुआ है और आज भी मेरे साथ खड़ा है।