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पंजाब में माहौल खराब करने की साजिश : खालिस्तान समर्थक दल खालसा व शिअद (अ) 15 अगस्त को तरनतारन में निकालेगा रोष मार्च ; मनाएगा काला दिवस, होशियारपुर में आज मनाई जाएगी दल खालसा की वर्षगांठ

जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तान समर्थक दल खालसा द्वारा पंजाब के हालात खराब करने की कोशिशें जारी है l दल खालसा ने अब दूसरे खालिस्तान समर्थक शिअद अमृतसर के साथ मिलकर 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के साथ मिलकर दल खालसा 15 अगस्त को तरनतारन में रोष मार्च निकालेगा। वहीं, इस बार दल खालसा अपनी वर्षगांठ होशियारपुर में मनाएगा। खालिस्तान समर्थक दल खालसा मुखी कंवरपाल सिंह ने बताया कि, वह पंजाब में 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।

कंवरपाल सिंह ने घोषणा की है कि अकाली दल अमृतसर और दल खालसा दोनों खालिस्तानी संगठन है और हर साल की तरह इस साल भी दोनों खालिस्तानी संगठन 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाते हुए तरनतारन में विरोध मार्च निकालेंगे। पिछले 77 सालों से सिखों को हिंदुत्व ने गुलाम बना रखा है। NSA, UPA जैसे काले कानून और पहली जुलाई से मोदी सरकार ने जो नए कानून लागू किए हैं, उनके खिलाफ हम सड़कों पर उतर कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। अकाली दल अमृतसर के नेता ईमान सिंह मान ने कहा कि भारत सरकार उनके स्वतंत्रता संग्राम को आतंकवाद का टैग देकर बदनाम कर रही है। भारत अपने धन का उपयोग करके राज्य के बैंकों और अन्य केंद्रीय संस्थानों में पंजाबी को हटा रहा है। इसके साथ ही कंवरपाल सिंह ने कहा कि दल खालसा की स्थापना 46 साल पहले 13 अगस्त 1978 को हुई थी। इसका संस्थापक गजिंदर सिंह था। जिसकी कुछ माह पहले पाकिस्तान में मौत हो चुकी है।बता दे की गाजिन्द्र सिंह कट्टर खालिस्तानी समर्थक था व 1981 में विमान का अपहरण करने वाले खालिस्तानी आतंकी गजिंदर सिंह की लंबी बीमारी के बाद पाकिस्तान में मौत हो गई थी। वह हृदय रोग से पीड़ित था।भारत सरकार ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया था और भारतीय खुफिया एजेंसियां ​​1996 से ही उसके ठिकाने का पता लगाने की कोशिश कर रही थीं। कुख्यात खालिस्तानी आतंकी गजिंदर सिंह दल खालसा का संस्थापक भी था। उसने 29 सितंबर, 1981 को जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली-अमृतसर फ्लाइट नंबर AI-423 का अपहरण किया था। फ्लाइट में 111 यात्री और छह क्रू मेंबर सवार थे। गजिंदर और उसके खालिस्तानी साथियों ने फ्लाइट को लाहौर में जबरन उतार दिया था। उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य खालिस्तानी चरमपंथियों की रिहाई के साथ-साथ 500,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की। पाकिस्तान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद फ्लाइट अपहरण मामले में गजिंदर सिंह और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया। पाकिस्तान की एक अदालत ने उसे और उसके चार साथियों को 14 साल जेल की सजा सुनाई थी। 1995 में गजिंदर सिंह ने अपनी सजा पूरी की और जेल से रिहा हो गया। 1996 में गजिंदर जर्मनी गया और राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया, लेकिन भारत सरकार ने आपत्ति जताई। जर्मन सरकार ने उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और वह पाकिस्तान वापस आ गया। लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी को स्वीकार नहीं किया।इसके बाद गजिंदर सिंह कभी नहीं मिला। भारतीय खुफिया एजेंसियां ​​उसकी तलाश करती रहीं। भारत सरकार कई बार उसे सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार उसकी मौजूदगी से इनकार किया। 2021 में एक सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 2021 में कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के एक सदस्य ने फेसबुक पर गजिंदर सिंह की तस्वीर शेयर करते हुए उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी दी थी। पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में मौजूद है। इस साल दल खालसा 13 तारीख को होशियारपुर में अपना स्थापना दिवस मनाएगी।

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