पंजाब में खालिस्तानी ठिकानों पर गिरी NIA की गाज : खालिस्तानी अमृतपाल सिंह के पोस्टरों के साथ लंदन में लगाए थे खालिस्तान के समर्थन में नारे – कई ठिकानों पर छापा
जालंधर (योगेश सूरी) : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को पंजाब में खालिस्तानी नेटवर्क पर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। आतंकवादी नेटवर्क की चल रही जांच के तहत की गई छापेमारी में मोंगा, अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर और अन्य इलाकों में 14 ठिकानों में तलाशी की जा रही है। लंदन में पिछले साल भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले में मामले में NIA ने बड़ा एक्शन लिया है। लंदन हमले की एनआईए की जांच में महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आए हैं। इससे पहले 5 सितंबर को एजेंसी ने अफगान मूल के यूके नागरिक इंद्रपाल सिंह गाबा के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। गाबा पर पिछले साल 22 मार्च को भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत विरोधी प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप है।गौरतलब है कि इंद्रपाल सिंह गाबा, जिसे 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था, को पहले दिसंबर 2023 में लंदन से पाकिस्तान के रास्ते आने पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में लिया था। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि गाबा ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर अलगाववादी एजेंडे में हिस्सा लिया था। इसका उद्देश्य अमृतपाल सिंह और उनके संगठन वारिस पंजाब दे पर चल रही कार्रवाई को प्रभावित करना था।
बड़ी साजिश का हिस्सा था हमला
कथित तौर पर भारतीय उच्चायोग पर यह हमला खालिस्तानी मकसद को आगे बढ़ाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा था। एनआईए की जांच से पता चला है कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के जवाब में लंदन हमला किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत से पंजाब के अलगाव को बढ़ावा देकर खालिस्तानी एजेंडे को आगे बढ़ाना था।
लंदन में अमृतपाल के समर्थन में लगे थे नारे
पिछले साल मार्च में ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने हंगामा किया था। प्रदर्शन के दौरान अमृतपाल सिंह के पोस्टरों के साथ खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए थे। इस दौरान ‘FreeAmritpalSingh’, ‘WeWantJustice’ और ‘WeStandWithAmritpalSingh’ जैसे नारे भी लगे थे। सोशल मीडिया पर घटना के कई वीडियो भी वायरल हुए। इसमें एक वीडियो में एक शख्स भारतीय तिरंगे को हटाने के लिए बिल्डिंग की दीवार पर चढ़ता हुआ नजर आया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA के तहत एफआईआर दर्ज किया था। गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के बाद जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।