
जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में मौत की सजा पा चुके बलवंत सिंह राजोआना को लेकर शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी SGPC की रहम पिटीशन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जवाब दिया कि जिसे गलती का एहसास ही नहीं है, उसे माफी किस की दी जाए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि रहम का हकदार वे होता है, जिसको गलती का एहसास हो। आतंकवादी गुनाह करे और उसे पछतावा ना हो तो वे रहम का हकदार नहीं है। कोई तीसरी संस्था उसकी सजा माफी के लिए रहम की पिटीशन दाखिल करे और दोषी को पछतावा ना हो तो वे रहम का हकदार कैसे हो सकता है। बता दे की लोकसभा में अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बलवंत राजोआना की सजा माफी का मुद्दा उठाया था। जिस पर गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। अमित शाह इस बयान में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर भी सवाल उठा रहे हैं। जिनकी और से दया पिटीशन राष्ट्रपति को डाली गई है। राजोआना के लिए SGPC की तरफ से राष्ट्रपति को डाली गई दया याचिका 2011 से पेंडिंग है। राजोआना को पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोप में फांसी की सजा दी जा चुकी है, लेकिन दया याचिका के कारण न तो उस फांसी दी गई है और न ही उसकी सजा को अभी तक उम्रकैद में बदला गया है। SGPC की दया याचिका में भी राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की ही मांग की गई है। इतना ही नहीं, 550वें प्रकाश पर्व के दौरान भी पहले बंदी सिखों को रिहा करने और राजोआना की सजा को उम्रकैद में बदलने की नोटिफिकेशन जारी की गई थी, लेकिन इस नोटिफिकेशन पर भी अभी तक अमल नहीं हुआ है।