पंजाब के 5 जिलों में AQI 450 पार : कई शहरों में ऑरेंज अलर्ट पर पहुंचा प्रदूषण, जहरीली हुई हवा, आज हालात और बिगड़ने के आसार
जालंधर ( न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : भारतवर्ष में दीपावली पर्व बहुत धूम-धाम व श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। दीपावली पर्व के मद्देनज़र सभी तरफ पटाखें व आतिशबाज़ी ज़ोरो शोरो से चल रही है, ऐसे में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। वही अगर पंजाब राज्य की बात करें तो दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और पंजाब के ज्यादातर शहरों में प्रदूषण ऑरेंज अलर्ट पर पहुंच गया है, यानी यहां ग्रेप-1 की स्थिति लागू हो गई है। कल रात को जब पटाखे जलने शुरू हुए तो AQI 500 के पार पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के चिंताजनक स्तर पर पहुंचने पर लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। पंजाब सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से दिवाली के दौरान पटाखे जलाने का समय सीमित कर दिया है। सरकारी निर्देशों के अनुसार दिवाली पर पटाखे जलाने का समय रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक ही है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद शाम से शुरू हुए पटाखे देर रात 2-3 बजे तक चलते रहे, जिसके बाद अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में AQI 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। इतना ही नहीं, इन शहरों का औसत AQI भी 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। आपको बता दे कि लुधियाना, अमृतसर, जालंधर, और पटियाला जैसे शहरों में AQI खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया है। पटाखों के कारण उत्सर्जित हानिकारक गैसों और धूल के कणों ने वायु की गुणवत्ता को काफी खराब कर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार इस समय PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषकों का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक हो गया, जिससे सांस, अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। प्रदूषण के कारण बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पड़ा है। अस्पतालों में सांस की तकलीफ, एलर्जी और आंखों में जलन की शिकायतों के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इस बार दो दिन का दीवाली पर्व होने की वजह से लोग लगातार दो दिन जमकर पटाखें चला रहे है। मगर आज लोग कल की तरह पटाखें चलाएंगे तो हालात और भी बिगड़ सकते है।
प्रतिबंधों के बावजूद भी जलें पटाखें, प्रदूषण में हुई बढ़ोतरी
पंजाब सरकार और पर्यावरण विभाग द्वारा पटाखों पर लगाए गए आंशिक प्रतिबंधों के बावजूद भी लोगों ने भारी मात्रा में पटाखे जलाए। नियमों की अनदेखी और देर रात तक पटाखों के फूटने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया। प्रशासन ने जनता से अपील की थी कि वह पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाते हुए कम प्रदूषण वाले पटाखों का उपयोग करें, लेकिन इसके बावजूद पटाखों की आवाज और धुआं शहरों में व्यापक रूप से फैला रहा।
बीतें दिनों जालंधर के एडवोकेट अभिषेक भारद्वाज ने ईमेल के माध्यम से डीसी जालंधर को माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 को दिए गए आदेश की कॉपी और कुछ जानकारी भेजी थी ताकि जल्द से जल्द स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन कोर्ट के आदेश लागू करवा सके। एडवोकेट अभिषेक भारद्वाज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया था कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2018 को महत्वपूर्ण आदेश दिया था, जिसमे सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों पर पूर्ण तौर पर बैन लगाया गया था। एडवोकेट भारद्वाज के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने यह भी दिशा-निर्देश दिए थे कि दिवाली, गुरुपुरब, नव वर्ष व अन्य किसी विशेष त्यौहार पर सिर्फ 2 घंटे ही पटाखें चलाने की अनुमति होगी, जिसके तहत रात 8 बजे से रात 10 बजे का समय निश्चित किया गया है और कोर्ट ने अपने इस निर्णय में यह भी कहा था कि इन दिशा-निर्देशों की पालना कराने की पूरी ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों की होगी और अगर स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को लागू नहीं करवा पाते तो उसे न्यायालय की अवमानना मानी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार और प्रशासन को प्रदूषण के प्रति सख्त रवैया अपनाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों को स्वच्छ हवा और स्वस्थ जीवन मिल सके। इस दौरान एडवोकेट अभिषेक भारद्वाज ने प्रशासन को चेतावनी भी दी थी कि अगर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की पालना न हुई तो कोर्ट में Contempt Of Court की पटीशन दायर की जाएगी।