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थाने के बाहर बमनुमा चीज मिलने से मचा हड़कम्प : इलाका सील, बम निरोधक दस्ता मौके पर; खालिस्तान समर्थक अमृतपाल कर चुका है इस थाने पर हमला

जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह द्वारा हमला किए जाने के बाद चर्चा में रहे अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर एक संदिग्ध बम जैसी वस्तु मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने थाने के बाहर के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया। याद रहे की यह वही थाना है जहां फरवरी 2023 में अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ साथी को छुड़ाने के लिए हमला किया था।वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। संदिग्ध वस्तु को निष्क्रिय करने के लिए बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

थाने के दोनों तरफ वाहन खड़े कर रास्ता बंद किया गया है, ताकि किसी भी नुकसान को कम किया जा सके।बम निरोधक दस्ता जांच में जुटा है कि यह बमनुमा चीज सच में बम है या नहीं। और अगर बम है तो इसमें किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच जारी है। 2023 में इस थाने में हंगामा हो चुका है, इसलिए आशंका जताई जा रही है कि यह थाने को उड़ाने की साजिश भी हो सकती है। बीते तीन सालों में अजनाला और आसपास के इलाकों में आतंकी गतिविधियां पहले भी हो चुकी हैं। अगस्त 2021 में अजनाला के ही एक पेट्रोल पंप के बाहर खड़े ट्रक को बम से उड़ा दिया गया था।बीते कुछ समय से पंजाब में आतंकी गतिविधियों ने जोर पकड़ना शुरू किया है। यह शरारत दहशत फैलाने के लिए भी हो सकती है।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह वस्तु क्या है, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। किसी ने दहशत फैलाने के इरादे से इसे वहां रखा हो सकता है। इस मामले की अभी जांच चल रही है।फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, लाठियां और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया।प्रदर्शन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में उपयोग किया गया था, जिससे पुलिस ने बल प्रयोग करने से परहेज किया, ताकि किसी धार्मिक अपवित्रीकरण का आरोप न लगे। इस घटना की शुरुआत लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध से हुई थी। अमृतपाल के समर्थकों ने पहले शांतिपूर्ण धरना देने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दबाव के चलते पुलिस ने लवप्रीत की रिहाई के आदेश दिए और उसके खिलाफ केस वापस ले लिया।

मोगा से गिरफ्तार किया था अमृतपाल
खालिस्तान समर्थक और संगठन “वारिस पंजाब दे” के प्रमुख अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल 2023 को पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी 36 दिनों की व्यापक पुलिस तलाश के बाद हुई, जो उसके 18 मार्च को पुलिस से भागने के बाद शुरू हुई थी।गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल को सुरक्षा कारणों से असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया। पंजाब पुलिस ने इस ऑपरेशन को “गुप्त सूचना” पर आधारित बताया और दावा किया कि यह आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि गिरफ्तारी थी। इस दौरान राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से 2024 के चुनाव में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सांसद चुना गया था। उसे लगभग 2 लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत मिली। अमृतपाल को कड़ी सुरक्षा के बीच असम की डिब्रूगढ़ जेल से दिल्ली लाया गया, जहां उसने सांसद के रूप में शपथ ली। हालांकि, उसे केवल 4 दिनों की पैरोल मिली थी और शपथ के बाद फिर से जेल भेज दिया गया। अमृतपाल सिंह खालिस्तानी विचारधारा के प्रचार के लिए विवादों में रहा है। गिरफ्तारी के बाद से ही अमृतपाल NSA के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।

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