पटना (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर देशभर की विपक्षी पार्टियों की महाबैठक पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास में शुरू हो गई है। बता दे कि बैठक में भाजपा-विरोधी 15 राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता पहुँच चुके है। इस महाबैठक में 2024 लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बैठक में JDU से नीतीश कुमार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) के प्रमुख व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमों व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख व जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल से तेजस्वी यादव, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह शामिल हुए हैं।
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राहुल गाँधी व मल्लिकार्जुन खड़गे पहले एअरपोर्ट से सीधे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। जहाँ राहुल गाँधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी मिलकर बीजेपी को हराएंगे। उन्होंने कहा कि देश में दो विचारधारा की लड़ाई चल रही है, एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो विचारधारा है तो दूसरी ओर बीजेपी – आरएसएस की भारत तोड़ो विचार धारा है। वही जम्मू में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पटना में फोटो सेशन चल रहा है, वह संदेश देना चाहते हैं कि वो मोदी जी को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चाहे वो कुछ भी करें, वो कभी एकजुट नहीं रहेंगे। इस दौरान गृह मंत्री शाह ने दावा किया है कि 300 से ज्यादा सीटें हासिल कर पीएम मोदी एक बार फिर से पीएम बनेंगे। सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में शामिल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बोलने का वक्त मिले, इसका खास ख्याल रखा गया है।
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बताया जा रहा है कि इस महाबैठक का मुख्य उद्देश्य बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करना है, इसके लिए भाजपा के विरुद्ध विपक्षी दलों को एकजुट किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। यह भी बताया जा रहा कि इस महाबैठक से पूर्व बिहार में पोस्टर वॉर शुरू हो गया है।जहां विपक्षी दलों के स्वागत के पोस्टर लगाए गए हैं तो वहीं बीजेपी की तरफ से पोस्टर लगाकर तंज कसते हुए विपक्षी नेताओं को ‘ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान’ कहा है, पोस्टर में कई तरह के तंज भी कसे गए हैं जैसे कि एक पोस्टर में लिखा गया- ‘हल्ला है हर ओर, बिहार में मिलेंगे सारे चोर’ वहीं दूसरे पोस्टर में लिखा गया है ‘लोकतंत्र के हत्यारे, आज किस मुंह से जेपी की धरती पर आ रहे हैं? क्या देश में फिर से इमरजेंसी लगाना चाहते हैं?’।
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वहीं पटना में एक और पोस्टर की बहुत चर्चा चल रही है, जिसे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरफ से लगाया गया है, पोस्टर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बिहार के सीएम नीतीश कुमार से सतर्क रहने की सलाह दी गई है और आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल को PM कैंडिडेट बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक 10 साल से अलग-थलग पड़े यूपीए का नए सिरे से गठन किया जा सकता है, जिसमे कई नए दल शामिल होंगे, जिसका चेयरमैन कांग्रेस से गाँधी परिवार या नीतीश कुमार या फिर अन्य किसी विपक्ष पार्टी के दिग्गज नेता को बनाया जा सकता है, नए संयोजक के रूप में उनके नाम की घोषणा हो सकती है। वही सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बीजेपी के एक उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का एक उम्मीदवार उतारने के प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश होगी और सीट बंटवारे के फॉर्मूले के अलावा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के प्रारूप पर चर्चा हो सकती है। अगर विपक्षी एकता की यह बैठक सफल होती है तो इसका सीधा असर 12 राज्यों की 328 लोकसभा सीटों पर पड़ेगा।
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इन 328 सीटों में अभी 128 विपक्षी पार्टियों और 165 बीजेपी के पास है। बाकी सीटें अन्य पार्टियों के पास हैं, जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। बैठक में शामिल हुए विपक्षी दलों के पास लोकसभा की 90 सीटें हैं, जिसमे बिहार की जेडीयू के पास 16 सीटें, झारखंड के जेएमएम के पास 1 सीटें, महाराष्ट्र की शिवसेना (उद्धव गुट) के पास 18 सीटें, एनसीपी के पास 4 सीटें, पश्चिम बंगाल की टीएमसी के पास 23 सीटें, तमिलनाडु की डीएमके के पास 23 सीटें, जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 3 सीटें, पंजाब और दिल्ली में आप के पास 2 सीटें शामिल हैं।
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अब भाजपा और क्षेत्रीय दलों के बीच 185 सीटों पर सीधा मुकाबला होगा। उल्लेखनीय है कि बिहार एक ऐसा राज्य जिसकी भूमि ने न जानें कितने आंदोलनों, रैलियों को जन्म दिया है। बिहार में हुई कई आंदोलनों ने सत्ता की नींव पूरे तरीके से हिलाकर रख चुकी है। बिहार से कुछ साल पहले कभी ‘इंदिरा हटाओ’ का नारा लगाया गया था और अब उसी राज्य से ‘मोदी हटाने’ का अभियान चलाया जा रहा है।