शिकंजा : वीडीयोबाज खालिस्तानी आतंकी पन्नू के विरुद्ध सबूतों का पुलिंदा लेकर UK, US और कनाडा जाएगी NIA, एजंसियों के राडार पर पन्नू
जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडा के सरे में जनमत संग्रह (Referendum) की आड़ में अपना एजेंडा फैलाने में जुटा है l खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान गड़बड़ी फैलाने की असफल कोशिश के बाद अब उसने इस जनमत संग्रह को ताज़ा हथियार बनाया है, जिसका वह सरे इलाके में लगातार प्रचार कर रहा है lखुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद पन्नू इस जनमत संग्रह के बहाने सहानुभूति जुटाने में लगा हु़आ हैl कनाडा के कई शहरों में इस प्रोपगैंडा रिफ्रेंडम से जुड़े पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें निज्जर की हत्या का जिक्र किया गया है। खुफिया सूत्रों का यह भी मानना है कि यूके के बाद अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय संस्थानों के सामने हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शन के मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच शुरू किए जाने से पन्नू बुरी तरह घबरा गया है और भारत विरोध से जुड़े अलग-अलग हथकंडे अपना रहा हैlखुफिया सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में पन्नू की तरफ से भारत विरोधी एजेंडे को फैलाने के 4 प्रयास हुए हैं. पहला प्रयास आतंकी निज्जर की हत्या के बाद अंतिम संस्कार का वक्त, दूसरा ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर, तीसरा जी20 आयोजन और चौथा रिफ्रेंडम को लेकर l सूत्रों ने बताया कि दो महीनों पहले पन्नू कुछ दिनों के लिए लापता हो गया था l ऐसे में उसके कनाडा के सरे में खालिस्तान रेफरेंडम के ताजा कदम को NIA सहित भारत सरकार की विदेशी जांच एजेंसियों द्वारा चलाई जांच से बचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा हैlइस बीच SFJप्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू पर शिकंजा कसने की तैयारी के तहत एनआईए और आईबी की टीम ने उसके खिलाफ सबूतों का पुलिंदा तैयार किया हैं l खबर है कि एनआईए की टीम पन्नू के खिलाफ यह पुलिंदा लेकर अगले महीने यूएस, यूके और कनाडा जा सकती हैlसूत्रों के मुताबिक, एनआईए और आईबी द्वारा एकत्र सबूतों की लिस्ट में पिछले कुछ महीनों के दौरान इन तीनों देशों में स्थित भारतीय दूतावास और उच्चायोग के सामने हिंसक प्रदर्शन के साथ ही इन देशों में तैनात भारतीय राजनयिकों के खिलाफ धमकी भरे पोस्टर जारी कर उनकी जान को ख़तरे में डालना की साज़िश जैसे मामले शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए पहले ही इन उच्चायोगों पर हमले और विरोध-प्रदर्शन के मामले पर यूएपीए के तहत केस दर्ज कर जांच कर रही है l सूत्रों के मुताबिक पन्नू द्वारा पंजाब को अस्थिर करने और पंजाब में खालिस्तानी रेफरेंडम चलाने की कोशिशों के चलते गृह मंत्रालय ने पहले ही एसएफजे को प्रतिबंधित संगठन की सूची में डाल रखा है l