जालंधर (योगेश सूरी) : हिन्दूओं को कनाडा छोड़ने की धमकी देने वाले कुख्यात खालिस्तान समर्थक आतंकी और सिख फॉर जस्टिस प्रमुख आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को कनाडा के रक्षा मंत्री डोमिनिक लोबलांक ने कड़ी फटकार लगाई है।
उन्होंने कहा कि कनाडा में नफरत फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है।दरअसल दो दिन पहले पन्नू ने वीडियो जारी करके भारतीय मूल के हिंदुओं को कनाडा छोड़कर वापस जाने की धमकी दी थी। वीडियो में उसने कहा कि हिंदुओं का देश भारत है और वे कनाडा को छोड़कर इंडिया लौट जाएं।
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कनाडा में वही सिख रहेंगे, जो खालिस्तान समर्थक हैं।वीडियो वायरल होने के बाद रक्षामंत्री डोमिनिक ने कहा की सभी कैनेडियन अपने भाईचारे में सुरक्षित महसूस करने के हकदार हैं। हिंदू कैनेडियन को निशाना बनाने वाली वीडियो कैनेडियन सिद्धांतों के उलट है। हमले, नफरत, डराना या डर का माहौल पैदा करने वाली कार्रवाइयों की यहां कोई जगह नहीं है। यह बयान देकर कनाडाई सरकार ने पन्नू को चुप रहने की नसीहत तो दी ही है साथ-साथ उसे स्पष्ट रुप में कड़ी फटकार भी लगाई है l
कनाडा के रक्षामंत्री डोमिनिक के बाद सिख सांसद व मंत्री हरजीत सज्जन ने भी इस वीडियो की निंदा की है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को देश छोड़ने के लिए कहना आजादी और दयालुता का प्रतीक नहीं है।कैनेडियन हिंदूज फॉर हार्मनी संगठन ने भी वीडियो जारी करने वाले लोगों के खिलाफ कनाडा सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग रखी है। उन्होंने सरकार को सवालों के घेरे में लिया और कहा कि कनाडा सरकार आरोपी पर हेट क्राइम का मामला दर्ज करके कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। संगठन ने आतंकी पन्नू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।बुधवार को खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकी के बाद कनाडाई हिंदुओं ने जस्टिन ट्रूडो सरकार को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में पन्नू के बयानों पर चिंता जताई गई और उसे हेट क्राइम घोषित करने की अपील की थी।कनाडाई हिंदू संगठन ‘हिंदू फोरम कनाडा’ ने मिनिस्टर ऑफ पब्लिक सेफ्टी डोमिनिक लेब्लेन को ये खत लिखा था। हिंदू संगठन ने अपने पत्र में कहा- पन्नू ने अपनी और अपने खालिस्तानी सहयोगियों के विचारों को स्पष्ट रूप से रखा है। वे ऐसे लोगों को टारगेट करना चाहते हैं, जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं। कनाडा सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
खत में ये भी पूछा गया है कि क्या पन्नू के इस बयान को अभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में लिया जाएगा।कनाडा के भारतवंशियों का कहना है कि ट्रूडो का आरोप हास्यास्पद है। एक साल के दौरान कनाडा में भारत विरोधी 15 घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 9 सभाएं, खालिस्तान के समर्थन में 2 जनमत संग्रह और 4 मंदिरों पर हमले शामिल हैं। ट्रूडो सरकार ने एक भी मामले में कोई गिरफ्तारी को अंजाम नहीं दिया है।ब्रैम्पटन के अक्षय गर्ग और ओंटारियो में इटोबिकोक के अश्विनी शर्मा का कहना है कि यहां पर भारत विरोधी घटनाओं के बाकायदा वीडियो पुलिस को सौंपे जाते हैं, लेकिन पुलिस को कोई आरोपी नहीं मिलता। कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, लेकिन खालिस्तानी निज्जर की हत्या के तीन महीने के भीतर ही कनाडा को बड़े सुराग हासिल हो गए… ये कैसे हुआ।ओंटारियो के सिख युवक बलजीत (बदला हुआ नाम) का कहना है कि चंद मुट्ठी भर लोगों की करतूत के कारण पूरे समाज को शर्मिंदा होना पड़ता है। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार हाथ पर हाथ धरकर आंखें भी मूंदे हुए है।भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कनाडा के PM ट्रूडो खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं कर मुद्दे से ध्यान भटका रहे हैं। कनाडा में लंबे समय से खुलेआम चल रही भारत विरोधी गतिविधियों को ट्रूडो सरकार का समर्थन है।