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जालंधर (योगेश सूरी) : सावधान हो जाइए यदि आप सफर कर रहे है अमृतसर-हरिद्वार जनशताब्दी एक्सप्रेस में तो क्योंकि आपका भी सामना हो सकता है UNMAN कोच से जहां आपको स्वयं अपने सामान और परिवार का ध्यान रखना होगा l जी हां ऐसी ही एक जानकारी कल रेलवे द्वारा जालंधर के एक शिकायतकर्ता को उपलब्ध करवाई गई है l बता दे की कल शनिवार हरिद्वार से एक परिवार जालंधर के लिए बकायदा रुप में आरक्षित टिकटों पर जनशताब्दी के D7 कोच में सफर कर रहा था l ट्रेन जब लुधियाना पहुंची तो ट्रेन में मौजूद एक टीटी रविन्द्र सिंह ने लुधियाना में यात्रियों के उतरने के बाद भारी भीड़ D7 कोच में बिना किसी आरक्षित टिकट के चढा दी जहां तक की इस भीड़ में कु़छ लोग तो बिना टिकट ही कोच में चढ़ा दिए गए l D7 कोच में हरिद्वार से जालंधर के लिए आरक्षित टिकट पर सफर कर रहे पत्रकार हितेश सूरी द्वारा जब इस सबंध में तुरंत रेलवे के सहायता नम्बर पर शिकायत रजिस्टर्ड करवाई तो रेलवे के फिरोजपुर स्थित सहायता केन्द्र के कार्यालय से शिकायतकर्ता को काल करके शिकायत फारवर्ड करने की बात कही जाती रही जबकि शिकायत के आधार पर ट्रेन में मौजूद किसी टीटी ने कोई कार्रवाई क्या करनी थी उल्टा फगवाड़ा से और लोग उसी कोच में चढ़ा दिए गए l
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बहरहाल जालंधर अपने निर्धारित स्थान पर उतरकर जब शिकायतकर्ता ने गाड़ी के AC कोच में आराम फर्मा रहे 2 टीटी जिन्होंने बहुत पूछने पर अपने नाम रविन्द्र सिंह व रंजीत सिंह से इस बाबत पूछने का प्रयास किया तो दोनों टीटी रेलवे पुलिस की मौजूदगी में इस कोच को UNMAN कोच बता कर दोबारा भाग कर AC कोच में चढ़ गए l रेलवे विभाग के कर्मचारियों के व्यवहार से शुब्ध शिकायतकर्ता ने जब दोबारा जब फिरोजपुर स्थित सहायता अधिकारी रविकांत शर्मा से शिकायत के सम्बन्ध में बात की तो उन्होंने कहा की ट्रेन में 3 टीटी रहते है जिनके पास चार-चार कोच रहते है l आज D7 कोच के लिए रेलवे विभाग के पास कोई टीटी स्टाफ नहीं था बाकि रेलवे अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है l अब बड़ा सवाल यह है की ट्रेन के तथाकथित अनमैन कोच में आरक्षित टिकटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को रेलवे नें किसके भरोसे छोड़ रखा होता है l
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आरक्षित कोच में यात्रियों द्वारा सफर करने के पीछे सुरक्षा व सुविधा की आशा होती है व हक भी l ऐसे में यदि एक कोच में टिकटें तो आरक्षित कर बेचता है पर सफर के दौरान कहीं भी उस कोच को UNMAN कह कर अनजान लोगों की भारी भीड़ उस कोच में चढा दी जाती है जोकि अधिकृत रुप में यात्रा कर रहे यात्रियों की सुरक्षा के प्रति रेलवे की बड़ी लापरवाही है l रेलवे की गोलमोल कार्रवाई व जबाव से नाराज शिकायतकर्ता द्वारा अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है l
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