जालंधर (हितेश सूरी) : जनहित सुरक्षा मंच के प्रधान प्रमोद मल्होत्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री व ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर विशेष टिप्पणी दी , जिसमे केजरीवाल ने पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी पार्टी के चुनाव जीतने पर 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा कर सभी राजनीतिक पार्टियों को सकते में डाल दिया है। मंच के प्रधान प्रमोद मल्होत्रा ने कहा कि इस बात में कोई शक्क नहीं कि यह एक बड़ी घोषणा है , लेकिन इस तरह की घोषणा गलतफहमी और गलत परम्पराओं को जन्म देतीं है। उन्होंने कहा कि यह एक चुनावी हथकंडा है जिसके सहारे केजरीवाल चुनाव जीतना चाहते है। बता दे कि इसी तरह की घोषणा अकाली सरकार ने भी की थी , जिसमे सरकार ने दलित वर्ग को 200 यूनिट बिजली फ्री की थी। श्री मल्होत्रा ने कहा कि अकाली सरकार द्वारा माध्यम वर्ग की अनदेखी की गयी।
श्री मल्होत्रा ने बताया कि जनहित मंच के अनुसार सरकार से मिलने वाली जो भी सहूलतें या लाभ सभी वर्गों को बराबर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उसकी क्या गलती है जो उच्च वर्ग में पैदा तो हो गया है , मग़र गरीब है। उन्होंने कहा कि इसलिए फ्री के प्रचालन को बंद कर रेट कम होने चाहिए ताकि लाभ सब को मिले। बता दे कि केजरीवाल द्वारा दूसरी घोषणा की गयी जिसके मुताबिक उनकी सरकार बनने पर वह बक़ाया बिल माफ कर देंगे। श्री मल्होत्रा ने कहा कि यह सीधा सीधा कानून का उल्लंघन है क्योकि जो लोगों को बिल ना देने के लिए प्रेरित कर रहे है और जो लोग बिल नहीं देंगे तो बिल की रकम बक़ाया ही रहेंगी। बिल का भुगतान ना करना जुर्म है और केजरीवाल यह जुर्म करने के लिए लोगों को घुमा फिरा कर कह रहे हैं । श्री मल्होत्रा ने कहा कि इसी तरह की घोषणाओं पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए जो गलतफहमी पैदा करती है और जनता को सरकार के खिलाफ जुर्म करने को कहती हो। उन्होंने आगे कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को ऐसी घोषणा कोई भी घोषणा नहीं करनी चाहिए , जिससे समाज में गलतफहमी फैलती हो।