6 सितंबर को नहीं हुई बहुचर्चित इमरजेंसी रिलीज : कंगना रनोट का फैंस को भावुक संदेश ; बोली- सेंसर बोर्ड से कर रहे सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा, नई तारीख की घोषणा शीघ्र
जालंधर (योगेश सूरी) : 6 सितंबर को रिलिज होनें जा बहुचर्चित फिल्म इमरजेंसी की रिलिज फिलहाल अटक गई है l भाजपा सांसद व अदाकारा कंगना रनोट अभिनीत व निर्देशित फिल्म इमरजेंसी को पहले 6 सितंबर को रिलिज करने की घोषणा की गई थी l सिख संगठनों व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड की तरफ से फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया गया।
जिसके बाद कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपने समर्थकों व फैंस के लिए संदेश दिया है।कंगना ने सोशल मीडिया पर संदेश में लिखा- भारी मन से मैं घोषणा करती हूं कि मेरी निर्देशित फिल्म इमरजेंसी को स्थगित कर दिया गया है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, आपकी समझ और धैर्य के लिए धन्यवाद।बता दे की फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई बीते सप्ताह हुई। कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।SGPC के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल पहले ही कह चुके हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है हम फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था। कई स्टेट्स में याचिका दायर की गई हैं। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है।इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए।श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है।फिल्म इमरजेंसी के विवाद के बीच एक प्रतिष्ठित मीडीया चैनल को दिए इंटरव्यू के बीच कंगना रनोट ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया। कंगना का कहना था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप हुए और कत्ल हुए। जिसके बाद कंगना एक बार फिर कंट्रोवर्सियों में फंस गई। अंत में भाजपा ने भी उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया।भाजपा को अलग से बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी।कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है।इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।