⚠️आम लोगों को राहत : किसानों के चंडीगढ़ कूच का फैसला टला ; टोल प्लाजा के गेट खोले व फास्टैग स्कैनर बंद कराए, कई किसान नेताओं के ट्विटर अकाउंट ब्लॉक
⚠️85 किसान नेता गिरफ्तार, बसों के वाहनों की चैकिंग, देखे वीडीयो व पढे खबर
जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब में खराब फसल के मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों द्वारा घोषित चंडीगढ़-कूच का फैसला फिलहाल टाल दिया गया है l किसान नेताओं का कहना है कि बैठक के बाद ही वे अब फैसला लेंगे। सरकार ने लगभग 85 किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है lइसी बीच किसान अमृतसर, जालंधर और तरनतारन सहित कई जिलों के टोल प्लाजा पर बैठ गए हैं। वहीं मोगा और संगरूर में लोंगोवाल थाने के बाहर पक्के मोर्चे लगा लिए हैं।
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सरकार द्वारा किसान अंदोलन को सोशल मीडीया के माध्यम से फैलने से रोकने के लिए किसान नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट भी टेंपरेरी ब्लॉक करने शुरू कर दिए गए हैं। जिसके अंतगर्त किसान नेता रमनदीप सिंह मान, गांव सवेरा समेत कई किसान नेताओं के अकाउंट्स को बंद किया गया है।सरकार को नुकसान पहुंचाने की मंशा के चलते किसानों ने टोल प्लाजों के गेट खोल दिए हैं और फास्टैग स्कैनर बंद करवा दिए हैं। तरनतारन किसान मजदूर संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष सतनाम सिंह मनोचाहल ने कहा कि महासचिव सरवन सिंह पंधेर सहित अधिकांश नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है, कुछ छापेमारी करने वाली पुलिस पार्टियों को चकमा देने में कामयाब रहे हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में सविंदर सिंह चुटाला, रणजोध सिंह गगोबुआ, तरसेम सिंह धालीवाल और मुख्तियार सिंह बिहारीपुर शामिल हैं। पुलिस ने किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह साबरा को उनके घर के अंदर हिरासत में ले लिया।जालंधर के टोल प्लाजों पर भी किसान बैठ गए हैं और गेट खोल दिए गए हैं।दूसरी तरफ किसानों का आरोप है कि सरकार इस कदर किसानों के विरोध में है, कि उन्हें बसों में खोजा जा रहा है। जालंधर व आसपास के इलाकों में पुलिस ने बसों की चैकिंग कर रही है । लोगों की टिकटें और आईडी चैक कर रही है ताकि कोई किसान बसों में बैठ कर भी चंडीगढ़ की तरफ ना जा सके।मोगा में मैहने के पास मोर्चे में मोगा, फिरोजपुर, बठिंडा और फरीदकोट के किसानों को पहुंचने के लिए कहा गया है। इसके अलावा किसान संगरूर के लोंगोवाल में पक्के मोर्चे लगा कर बैठे हैं। संगरूर में ट्राली के नीचे आकर मारे गए किसान नेता मामले में थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पक्का मोर्चा लग चुका है।किसानों का कहना है कि अब सबसे पहली मांग उनके नेताओं को छोड़ने की है। इसके बाद बाढ़ के कारण 16 से अधिक जिलों में किसानों की फसलें बरबाद हुई हैं। जिसके लिए किसान 50 हजार प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार व केंद्र सरकार की तरफ पेंडिंग मांगों को लेकर भी यह प्रदर्शन जारी है। किसानों का कहना है कि अब जब तक सरकार उनकी नहीं सुनेगी, यह प्रदर्शन जारी रहेगा।