पटरियों पर किसान-रेलयात्री बेहाल : तीसरे दिन भी किसानों का रेल-रोको प्रदर्शन जारी; अंबाला तक रुकेगी आज रफ्तार, जनाधार खो सकते है किसान संगठन !!
जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब में रेल पटरियो पर जमें किसानों की वजह से जिंदगी की रफ्तार थमती जा रही है l अलग-अलग रेलवे प्लेटफॉर्मों व स्टेशनों पर छोटे-छोटे बच्चो, वृद्धों के साथ फंसे बेहाल यात्री किसान अंदोलन का अर्थ तक नहीं समझ पा रहे l कभी रेल मार्ग तो कभी रेल पटरियों पर जाम लगा कर बैठनें वाले किसान संगठन धीरे-धीरे अपना जनसमर्थन खोते जा रहे है lबता दे की पंजाब में मुआवजा, MSP और कर्ज माफी को लेकर किसानों का आंदोलन तीसरे दिन में दाखिल हो गया है। जो किसान पंजाब भर में रेलवे लाइनों पर बैठे हुए थे, आज हरियाणा में भी अपना प्रदर्शन शुरू कर रहे हैं। विभिन्न राज्यों से 19 किसान संगठन आज अम्बाला को मिला कर 20 जगहों पर प्रदर्शन करेंगे और ट्रेनों को रोकेंगे।अगली रणनीति पर आज किसान संगठन विचार करेंगे। इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि किसान ट्रैक से उठेंगे या यहीं डटे रहेंगे। रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद अम्बाला से अमृतसर, पठानकोट से अमृतसर और पंजाब से चंडीगढ़, जालंधर, लुधियाना से मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का आदि सभी रूट्स पूरी तरह से ठप हैं। इससे आज 203 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।इसी बीच प्राप्त जानकारी के अनुसार अमृतसर में आज महिला किसान इकट्ठी हो रही हैं। दोपहर के बाद किसानों का साथ देने के लिए महिलाएं ट्रैक पर पहुंचेंगी।
वहीं किसानों ने दशहरे पर 23-24 अक्टूबर को किसानी दशहरा मनाने की घोषणा कर दी है। इस दौरान पूरे देश में मोदी सरकार व कॉर्पोरेट घरानों के पुतले जलाए जाएंगे।किसानों की मुख्य मांगों में घग्गर नदी के किनारे टिवाना गांव से लेकर नए बनने वाली अंबाला चंडीगढ़ मार्ग तक बांध को पक्का किया जाना, बाढ़ के कारण प्रभावित हुई जमीन का मुआवजा से कम एक लाख रुपया प्रति एकड़ के हिसाब से और बाढ़ के कारण जमीन में अधिक मिट्टी बहने के कारण फसलों के खराब का मुआवजा 50 हजार प्रति एकड़ के हिसाब करने, किसानों ने कहा कि मुआवजा देने की जमीन 5 एकड़ तक की शर्त को हटाकर कुल खराब हुई जमीन का मुआवजा दिए जाने,बाढ़ के कारण प्रभावित हुई ट्यूबवेल पानी की पाइप लाइन सरकार द्वारा डाली जानी,बाढ़ के कारण प्रभावित हुई बिजली की लाइनों को ठीक करवाना, ब्लॉक डेराबस्सी के घग्गर और झरमल नदी और बरसाती नालों में आ रहे फैक्ट्री का गंदा पानी तुरंत बंद किया जाने या फिर साफ करके छोड़ जाने, बाढ़ के कारण गांव टिवाना में घग्गर नदी पर बना पुल टूटने के कारण रास्ता बंद हो गया। घग्गर नदी का पक्का पुल बनाए जाने, बाढ़ के कारण गिरे मकान मालिकों को मुआवजा दिए जाने,बरसात के बाढ़ के कारण टूटी हुई इलाके की सड़कों को तुरंत ठीक किए जाने सहित अन्य मांगे शामिल है lकिसानों की तरफ से ट्रैक जाम किए जाने के बाद उत्तर भारत की 203 से अधिक ट्रेनें प्रभावित होने वाली हैं। आज किसान अम्बाला में रेलवे ट्रैक पर बैठ जाएंगे। जिसके चलते प्रभावित ट्रेनों की गिनती बढ़ सकती है। फिलहाल रेलवे विभाग ने 136 ट्रेनों को रद्द किया है। वहीं 25 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट, 26 ट्रेनों को ओरिजनेटेड और 16 ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं।