जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब के लुधियाना में DSP दिलप्रीत सिंह शेरगिल (50) के मौत मामले में नया मोड़ आया है। मृतक के परिजनों ने उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बहन जैस्मिन ने कहा कि दिलप्रीत पत्नी हरकिरत से तालाक लेना चाहता था। उसने अदालत में फाइल लगाई हुई थी। दिलप्रीत की दूसरी शादी 2017 में हरकिरत से हुई थी। हरकिरत की भी दूसरी शादी थी। वह पहले अमेरिका में ब्याही थी।शादी के एक साल बाद ही हरकिरत दिलप्रीत को घर से अलग करके अपने साथ पुलिस लाइन रहने के लिए ले गई। 6 महीने वह अलग रही। उसके बाद वापस आई और कहा कि मैंने इस घर में नहीं रहना। भाई को इतना ज्यादा मानसिक परेशान किया जाता था कि वह सुसाइड तक करने के लिए मजबूर हो गया था।बहन ने कहा कि हरकिरत दिलप्रीत की सरकार नौकरी और पेंशन लेने के लिए उसे लगातार स्लो पॉइजन दे रही थी। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच करे। परेशान होकर 2023 में पुलिस कमिश्नर मंदीप सिंह सिद्धू को हरकिरत के खिलाफ शिकायत भी दी।जैस्मिन ने कहा कि उसके भाई दिलप्रीत का पोस्टमार्टम सिर्फ 45 मिनट में कर दिया गया, जबकि एक सीनियर अधिकारी के पोस्टमार्टम की बारीकी से जांच करते हुए 2 घंटे का समय मामूली लग जाता है। वह पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को भी चैलेंज करेंगी। बीते गुरुवार को दिलप्रीत सिंह फिरोजपुर रोड स्थित भाईबाला चौक के पास पार्क प्लाजा होटल में जिम कर रहे थे।
एक्सरसाइज करते हुए वह अचानक जमीन पर गिर गए। साथ ही जिम कर रहे युवाओं ने उन्हें संभाला और पानी पिलाने की कोशिश की। जब कोई मूवमेंट नहीं हुई तो वे DSP को अस्पताल ले गए, वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।पुलिस सूत्रों के मुताबिक, DSP की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि उनकी मौत हार्ट के फटने से हुई है।दिलप्रीत सिंह लुधियाना में ACP रह चुके हैं। फिलहाल उनकी तैनाती मलेरकोटला में थी। उन्हें जिम करना काफी पसंद था। इसके साथ उन्हें बॉक्सिंग का भी शौक था। वह जिम में भी बॉक्सिंग की प्रैक्टिस ज्यादा करते थे। DSP दिलप्रीत सिंह के साथियों का कहना है कि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक थे। वह जिम जाना कभी नहीं भूलते थे। दिलप्रीत सिंह नेशनल लेवल के स्विमर रहे चुके हैं। उनकी बहन भी इंटरनेशनल लेवल की स्विमर रही हैं। वर्ष 1992 में दिलप्रीत सिंह सहायक उपनिरीक्षक (ASI) के तौर पर पंजाब पुलिस में भर्ती हुए थे। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अपनी सेवाएं दीं। बेहतरीन कार्यों को देखते हुए बाद में उन्हें असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट पुलिस (ACP) के रूप में प्रमोट किया गया। ACP रहते उन्होंने कई मामले सुलझाए। सबसे पहले चर्चा में वह तब आए, जब उन्होंने बर्खास्त सैनिक को गिरफ्तार कर सेना में फर्जी नौकरी लगाने के घोटाले का पर्दाफाश किया। गिरोह ने सेना में नौकरी के नाम पर कई युवाओं को ठगा था। इसके अलावा दिलप्रीत सिंह की टीम ने स्थानीय ज्वैलर और उसकी पत्नी के दोहरे हत्याकांड को भी सुलझाया था।