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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे पंजाब के आंगनवाड़ी केंद्र : राशन आपूर्ति में अनियमितता को लेकर सांसद हरसिमरत ने मंत्रालय को लिखा पत्र, CBI जांच की मांग

जालंधर (योगेश सूरी) : पंजाब के आंगनवाड़ी केंद्रों में मिलने वाले राशन की खरीद और आपूर्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगे है। यह आरोप बठिंडा से शिअद सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी को पत्र लिखकर लगाए है और इसकी CBI जांच की भी मांग की है। सांसद हरसिमरत कौर बादल का आरोप है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों को दिए जाने वाले राशन की खरीद और आपूर्ति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के एकीकृत बाल स्वास्थ्य देखभाल (आरसीएच) कार्यक्रम और अन्य संबंधित पहलों के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के साथ-साथ बच्चों को दिए जा रहे घटिया खाद्य पदार्थों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नाराज हैं।

पंजाब में आप सरकार के सत्ता में आने के बाद से इन योजनाओं के तहत खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए निजी खाद्य दुकानों को नियुक्त किया गया है। जिससे घटिया खाद्यान्न की खरीद और वितरण में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। सांसद बादल ने कहा कि सरकारी संस्था वेरका से निजी खाद्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर जाने के दुर्भाग्यपूर्ण बदलाव ने न केवल उपलब्ध कराए जा रहे खाद्य की गुणवत्ता से समझौता किया है, बल्कि लाभार्थियों में व्यापक असंतोष भी पैदा किया है। उपभोक्ता नए खाद्य प्रस्ताव को अस्वीकार कर रहे हैं। शिशु और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए बनाया गया कार्यक्रम दुर्भाग्य से पंजाब में व्यापक भ्रष्टाचार के कारण मृत्यु दर में वृद्धि में योगदान दे रहा है।हरसिमरत कौर बादल ने आरोप लगाया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता खाद्य आपूर्ति के लिए निजी दुकानों को ठेके देने के पीछे के औचित्य पर सवाल उठा रहे हैं। ये कार्यकर्ता, जो हमारे समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हाशिए पर हैं। इससे बेरोजगारी बढ़ रही है और हमारी सबसे कमजोर आबादी के लिए समर्थन की कमी हो रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकारियों और राज्य सरकार के मंत्री से बार-बार की गई शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सांसद बादल ने अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार खरीद और वितरण प्रक्रियाओं में गहरे जड़ जमाए भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी उपयुक्त प्राधिकरण द्वारा तुरंत जांच शुरू करे, जो जरूरतमंदों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहा है।

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