अमृतपाल मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंची 12 याचिकाएं
पंजाब पुलिस पर भी लगा सवालिया निशान
चंडीगढ़ (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : अजनाला थाना कांड के मुख्य आरोपी व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा ऑपरेशन अमृतपाल चलाया जा रहा है। बता दे कि अमृतपाल सिंह व उसके साथियों को गिरफ्तार करने हेतु ऑपरेशन अमृतपाल चलाया गया है। मिली जानकारी जानकारी के अनुसार ऑपरेशन अमृतपाल के तहत काबू किए गए लोगों के परिजन हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। वही पंजाब पुलिस ने इस मामले में 207 आरोपियों को काबू किया है, इनमें से कुछ आरोपियों को असम के डिब्रूगढ़ भेजा गया है मगर कई लोग ऐसे हैं, जिनकी स्थिति बारे कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है कि वह कहां हैं। परिजनों द्वारा पंजाब पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है कि कई लोगों को काबू कर पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश करने के बजाय अपनी हिरासत में रखा है। इसी मामले के करीब एक दर्जन आरोपियों के परिजनों द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर गई है। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से उनके अपनों की तलाश की मांग की है। गौरतलब है कि सभी मामलों की याचिकाएं एडवोकेट सिमरनजीत सिंह के माध्यम से दायर की गई हैं। पंजाब पुलिस द्वारा फिल्म एक्टर दलजीत कलसी को काबू किया गया है। अमृतपाल सिंह के ड्राइवर हरमेल सिंह और मीडिया कोऑर्डिनेटर गुरी औजला समेत कुल 207 आरोपियों को काबू किया गया है। बीतें दिनों पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केवल 30 लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अन्य 177 आरोपियों को प्रिवेंटिव एक्शन के बाद छोड़ दिया जाएगा। वही पंजाब पुलिस के खिलाफ सवाल उठ खड़े हुए हैं कि जब 177 लोगों ने कुछ किया ही नहीं था तो उन्हें निराधार किन कारणों के चलते पकड़ा गया, जो कई दिन बाद छोड़ने की घोषणा भर की गई है और साथ ही जिन 30 लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, उन सभी का कसूर क्या है। बता दे कि कुछ आरोपियों पर NASA एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट द्वारा दायर सभी याचिकाओं पर 28 मार्च को सुनवाई की जाएगी। याचिकाकर्ताओं के वकील सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने काबू किया है, उनके परिवारों को पुलिस ने सूचना तक नहीं दी है। उन्होंने कहा कि जबकि कानूनन गिरफ्तार/हिरासत में लेने के 24 घंटे के अंदर आरोपियों को कोर्ट में पेश करना अनिवार्य होता है और उनके परिवार को भी सूचना देनी होती है।