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Alert : ट्रकों की हड़ताल खत्म न हुई तो पंजाब के 45% पंप आज हो जाएंगे ड्राई : बिगड़ेंगे हालात, यह भी पढ़े क्या है नया हिट एंड रन कानून

जालंधर (योगेश सूरी) : नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ पंजाब के ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक लामबंद हो गए हैं। इसका असर पंजाब के 23 जिलों में 3600 के करीब पेट्रोल पंप पर पड़ने वाला है। जहां पर मुख्य रूप से बठिंडा, जालंधर और संगरूर से तेल की सप्लाई टैंकरों में होती है। सूत्रों की माने तो अगर आज शाम तक हड़ताल खत्म नहीं हुई तो पेट्रोल पंप मालिकों के अलावा आम लोग भी दिक्कत में आ जाएंगे। संभावना है कि राज्य के 45 फीसदी पेट्रोल पंप ड्राई हो जाएंगे यानी उनके यहां तेल खत्म हो जाएगा। इसके बाद लोगों के पास अपने वाहन खड़े करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। हलांकि तेल कंपनियों के अपने वाहन भी रहते हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से तेल कंपनियों के वाहन भी तेल नहीं ले जा पा रहे हैं। हड़ताली डिपुओं से तेल नहीं भरने दे रहे हैं। सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में हड़ताल को लेकर सरकार और तेल कंपनियां भी गंभीर हैं। ऐसे में इस हड़ताल से आम जरूरी सेवाएं प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार व तेल कंपनियां हड़ताल पर बैठे ऑपरेटरों से बातचीत कर रही है। उम्मीद है शाम तक कोई रास्ता निकाला जाएगा। अगर रास्ता नहीं निकला तो हालात बिगड़ेंगे। पंजाब पेट्रोल पंप एसोसिएशन के प्रवक्ता व मोहाली पेट्रोल पंप एसोसिएशन के प्रधान अश्विंदर मोंगिया ने कहा कि हड़ताल खत्म नहीं होती तो आज के बाद स्थिति गंभीर हो जाएगी। 40 से 45 फीसदी पेट्रोल पंप मंगलवार शाम तक ड्राई हो जाएंगे। दूसरी तरफ इस वजह से पेट्रोल पंप को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। क्योंकि लोग अन्य राज्य से तेल डलवाकर आ जा रहे हैं। ऐसे में पेट्रोल पंपों की सेल गिर गई है। अगर ड्राइवरों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश की मंडियों में भी असर दिखेगा। खासकर सब्जी मंडियों में इसका असर अधिक होगा, क्योंकि अधिकतर सब्जी बाहरी राज्यों से आती हैं। दिल्ली, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से वाहनों की संख्या कम होने लगी है।

क्या है हिट एंड रन कानून
हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है। इसके विरोध में गाड़ी चालक और ट्रांसपोर्टर खुलकर आ गए हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं और ड्राइवरों को अक्सर डर होता है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने का प्रयास करते हैं तो उन्हें भीड़ की हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए इसे रद्द किया जाए।

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