विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से भर्ती घुटाले का पर्दाफाश, 4 दोषी गिरफ़्तार – बी.के. उप्पल
मल्टीपरपज़ हैल्थ वर्कर, उसका साथी, मुख्य सरगना सुखवंत सिंह और हरपाल सिंह सरपंच काबू
चंडीगढ़,: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने जाल बिछा कर एक भर्ती घुटाले का पर्दाफाश किया है जिसमें चार मुलजिमों को काबू लिया गया है और मुलजिमों के पास से 50,000 रुपए की रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली है। मुलजिमों में शामल पिरथीपाल सिंह मल्टीपरपज़ हैल्थ (एम.पी.एच) वर्कर, जो कि जि़ला तरन तारन के गाँव ढोटियां में प्राईमरी हैल्थ सैंटर (पी.एच.सी.) तैनात है और उसके साथियों मलकियत सिंह, गाँव वरपाल, जि़ला अमृतसर, सुखवंत सिंह लुधियाना और हरपाल सिंह सरपंच गाँव कद्द गिल, जि़ला तरन तारन को गिरफ़्तार कर लिया गया है।इस सम्बन्धी खुलासा करते हुये विजीलैंस ब्यूरो पंजाब के मुख्य डायरैक्टर-कम-डी.जी.पी. श्री बी के उप्पल ने बताया कि शिकायतकर्ता बरिन्दरपाल सिंह निवासी मोहल्ला जसवंत सिंह नगर, तरन तारन ने दोष लगाया है कि शक्की पिरथीपाल सिंह एमपीएच वर्कर, गाँव ढोटियां जि़ला तरन तारन उसे जानता था और उसे (शिकायतकर्ता) सरकारी नौकरी में भर्ती करवाने की पेशकश की। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने पेशकश में कोई रूचि नहीं दिखाई, बल्कि उसने अपने रिश्तेदार हरमनदीप सिंह निवासी गाँव चक्क सिकंदर जि़ला तरन तारन को सरकारी नौकरी पर भर्ती करवाने के लिए कहा।उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद, पिरथीपाल सिंह शिकायतकर्ता बरिन्दरपाल सिंह को मलकीत सिंह के पास ले गया, जिसने अपने आप को परसोनल विभाग, पंजाब का एक कर्मचारी बताया। तब दोनों व्यक्तियों ने इस भर्ती के लिए शिकायतकर्ता से 3,50,000 रुपए की रिश्वत की माँग की और पेशगी रिशवत के तौर पर 1,75,000 रुपए की माँग की।विजीलैंस प्रमुख ने आगे बताया कि मुलजिम पिरथीपाल सिंह ने पहले ही शिकायतकर्ता से तारीख़ 05.07.2021 को 10,000 रुपए की रिशवत ले ली थी। इस के बाद, शिकायतकर्ता को पिरथीपाल सिंह का फ़ोन आया, जिसमें उसने भर्ती कार्यवाही शुरू करने के लिए अडवांस के तौर पर 1,75,000 रुपए की माँग की। इस के बाद, दोषी पिरथपाल सिंह ने शिकायतकर्ता को कहा कि अगर उसके पास से पूरी रकम का प्रबंध नहीं है तो वह एक लाख रुपए या सिर्फ़ 50,000 रुपए दे।इसके इलावा, बी.के. उप्पल ने खुलासा किया कि शिकायतकर्ता अपने रिशतेदार को रिश्वत देकर सरकारी नौकरी में भर्ती नहीं करवाना चाहता था, परन्तु वह इस सभी घुटाले का पर्दाफाश करना चाहता था। इसलिए शिकायतकर्ता ने अमृतसर के विजीलैंस ब्यूरो रेंज में संपर्क किया और बताया कि मुलजिम पिरथीपाल सिंह और मलकियत सिंह उससे 50,000 रुपए की अन्य किस्त की माँग कर रहे हैं।इसके बाद हरजिन्दर सिंह, डीएसपी विजीलैंस ब्यूरो यूनिट तरन तारन ने जाल बिछा कर एमपीएच वर्कर पिरथीपाल सिंह और मलकियत सिंह को दो गवाहों की हाजिऱी में शिकायतकर्ता से दूसरी किस्त के तौर पर 50,000 रुपए की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों काबू कर लिया। इस सम्बन्धी उक्त मुलजिमों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत केस दजऱ् कर लिया गया है।उन्होंने आगे बताया कि जांच के दौरान दोषी पिरथीपाल सिंह एमपीएच वर्कर और उसके साथी मलकियत सिंह निवासी गाँव वरपाल, जि़ला अमृतसर ने खुलासा किया है कि इस समय लुधियाना रह रहा सुखवंत सिंह वहीं ही काम कर रहा है जो उनके गिरोह का प्रमुख है और आम लोग से अलग-अलग सरकारी विभागों में भर्ती के नाम पर धोखा से पैसा ठगता है।इसके इलावा मुलजिमों ने खुलासा किया है कि उन्होंने शिकायतरता से उसके रिशतेदार को पी.एस.पी.सी.एल. में हैल्पर के तौर पर भर्ती करवाने के लिए 3.5 लाख रुपए लिए हैं और इस राशि में से उसके साथी सुखवंत सिंह 3 लाख रुपए जबकि पिरथीपाल सिंह और मलकियत सिंह को 25-25 हज़ार रुपए मिले।उसने आगे बताया कि इससे पहले मलकियत सिंह और मुख्य सरगना सुखवंत सिंह ने जि़ला अमृतसर के गाँव मल्लियां के निवासी हरप्रीत सिंह से लुधियाना में पी.एस.पी.सी.एल. में हैल्पर भर्ती करवाने के नाम पर 1.50 लाख की ठगी मारी थी। मलकियत सिंह ने आगे यह खुलासा किया कि तरन तारन जि़ले के गाँव कद्द गिल का सरपंच हरपाल सिंह भी अमृतसर और तरन तारन जिलों में उक्त किंगपिन के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं।श्री उप्पल ने आगे बताया कि मलकियत सिंह ने तफ़तीश के दौरान यह भी खुलासा किया है कि साल 2019 में उसने डोमिनिक सहोता, जिसने ख़ुद की पहचान बी.एस.एफ. के सहायक कमांडैंट के तौर पर बतायी थी, के ज़रिये 4 व्यक्तियों की लिखित और मैडीकल परीक्षा पास करवा के उनको बीएसएफ में भर्ती करवाया था। इस केस में उन्होंने हरेक व्यक्ति से 2,80,000 रुपए लिए थे और डोमिनिक सहोता ने हरेक व्यक्ति के पीछे 2.5 लाख रुपए रखे थे और हरेक व्यक्ति के पीछे 30,000 रुपये मलकियत सिंह को दिए।उन्होंने आगे बताया कि डोमिनिक सहोता जनवरी, 2021 में मोहाली पुलिस की तरफ से बेनकाब किये गए अपहरणकर्ताओं और लुटेरों के गिरोह का किंगपिन है, जिसने ख़ुद को राष्ट्रीय जांच एजेंसी, बीएसएफ और अन्य उच्च सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी के तौर पर पेश किया था। इस सम्बन्ध में इस गिरोह के खि़लाफ़ पुलिस थाना फेज-1, मोहाली में धारा 364 -ए, 34 आइपीसी और 25 /54 /59 हथियार एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया गया और उनके पास से 3 ग़ैर कानूनी 32 बोर के हथियार, एक देसी पिस्तौल, गोला बारूद, फज़ऱ्ी आईडी कार्ड, वर्दियाँ, लैपटाप, 4 वाहन और 25 लाख रुपए की लूट का पैसा बरामद किया गया था। इसके अलावा इस गिरोह के किंगपिन डोमिनिक सहोता, जिसने ख़ुद को बी.एस.ऐफ. का सहायक कमांडैंट और उसके पिता गोविन्दर सिंह, जिसने ख़ुद को बीएसएफ का इंस्पेक्टर बताया था, उसके भाई मुखत्यार सिंह उर्फ पीटर, अमनदीप सिंह, राजवीर सिंह और योधवीर सिंह को भी मोहाली पुलिस ने काबू किया था और वह इस समय उक्त मामले में रोपड़ जेल में बंद हैं। आगे पूछताछ में यह सामने आया है कि डोमिनिक सहोता और अन्यों के खि़लाफ़ इससे पहले पुलिस थाना एन.आर.आई. अमृतसर में आई.पी.सी. की धारा 420, 406, 120 -बी के अंतर्गत एफआईआर नं. 7/16 और पुलिस थाना फतेहगढ़ चूडिय़ाँ, बटाला में आई.पी.सी. की धारा 420 के अंतर्गत एफआईआर नंबर 129 तारीख़ 25.12.2020 दर्ज हैं। श्री उप्पल ने कहा कि उक्त केस में डोमिनिक सहोता का प्रोडक्शन वारंट हासिल किया जायेगा।इसलिए उपरोक्त मुलजिम मलकियत सिंह और पिरथीपाल सिंह की तरफ से किये गए खुलासों के मद्देनजऱ उक्त केस में सुखवंत सिंह और हरपाल सिंह सरपंच को मुलजिम नामज़द किया गया है।जि़क्रयोग्य है कि विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से गई छापेमारी के दौरान उपरोक्त गाँव मल्लियां का हरप्रीत सिंह, जिससे इस गिरोह ने पीऐसपीसीएल में हैल्पर के तौर पर भर्ती करने के बहाने 1.50 लाख रुपए ठग लिए थे, समेत सरकारी नौकरी लेने के छह अन्य इच्छु व्यक्ति किंगपिन सुखवंत सिंह की जगह पर ही मौजूद थे। इसके इलावा, सरकारी नौकरी लेने के इच्छुक छह अन्य व्यक्तियों ने विजीलैंस ब्यूरो के सामने दर्ज अपने बयानों में खुलासा किया है कि उनके साथ भी उक्त मुलजिम सुखवंत सिंह ने ठगी मार लेनी थी क्योंकि वह सरकारी नौकरी लेने के इच्छुक इन छह व्यक्तियों पर भी पीएसपीसीएल में हैल्पर की नौकरी के बदले निर्धारित राशि तुरंत जमा करने के लिए दबाव डाल रहा था।गिरफ़्तार किये गए उक्त मुलजिम सुखवंत सिंह और हरपाल सिंह सरपंच की जांच और पूछताछ चल रही है और पूछताछ के दौरान कई खुलासे होने की उम्मीद है। इस सम्बन्ध में पुलिस थाना विजीलैंस ब्यूरो, अमृतसर में भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट की धारा 7 और आई.पी.सी. की धारा 420 /120 -बी के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।