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73 साल बाद भी देश में मेहनतकशों को नहीं मिला न्याय : सुरिंदर सिंह सोढी

जालंधर (धीरज अरोड़ा) : आम आदमी पार्टी की जालन्धर इकाई ने आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर जालंधर जिला प्रधान ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढी ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी देश के मेहनतकशों को न्याय नहीं मिला है। मज़दूर वर्ग का शोषण आज भी जारी रहा है, पिछले 15-20 वर्षों में सरकार द्वारा कानूनों में कई ऐसे बदलाव किए गए हैं कि मज़दूर वर्ग आज बड़े उद्योगपतियों की दया पर छोड़ दिया गया है। असंगठित क्षेत्र में श्रमिकों को कानून द्वारा निर्धारित पूरा वेतन भी नहीं मिलता। पिछले वर्ष कोरोना के दौरान, प्रवासी श्रमिकों को हजारों मील की पैदल यात्रा करनी पड़ी थी, और ऐसे कई दृश्य सामने आए जिनसे पता लगता है की किस तरह मजदूरों को हाशिए पर रखा गया है। मजदूर दिवस की जड़ें आठ घंटे प्रति दिन कामगारों की माँग से उपजी थी , लेकिन भारत में आज भी श्रमिकों से कम मजदूरी पर 12-12 घंटे काम लिया जाता है। श्री सोढ़ी ने कहा कि न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार को दिहाड़ी मजदूरों की फ़िक्र है। जहाँ केजरीवाल सरकार कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रही थी, वहीं कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ, आदि का भी पूरा ध्यान रख रही थी। इतना ही नहीं बल्कि ऑटो चालकों और दिहाड़ी मजदूरों के खाते में 5 हज़ार रूपए का भुगतान भी किया गया। लेकिन यहां कैप्टन सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों का कोई साथ नहीं दिया। कई मेहनतकशों ने तालाबंदी के कारण अपनी आजीविका खो दी है। श्री सोढ़ी ने पंजाब सरकार से मांग की है कि कर्मचारी, चाहे वह किसी भी विभाग में हों या दिहाड़ी मजदूर हों, इस महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रहे है, उन सभी कर्मचारियों को बीमा कवर दिया जाना चाहिए। अब समय आ गया है की सरकार, सरकारी कर्मचारिओं की पुरानी पेंशन बहाल करे और सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करे। श्री सोढ़ी ने कहा कि एक से अधिक पेंशन पाने वाले सभी विधायकों – मंत्रियों की पेंशन रोककर सरकारी खजाने की लूट बंद की जाए और उन्हें अपना आयकर स्वयं चुकाना चाहिए। श्री सोढ़ी ने मांग करते हुआ कहा कि कर्मचारियों के वेतन को कम करने के लिए तैयार की जा रही सभ योजनायें बंद की जाएँ।

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