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राष्ट्रीय परशुराम सेना ने ई-मेल के जरिए डीसी जालंधर को मांग पत्र सौंपा ; पढ़ें पूरी खबर

जालंधर (सुमित कालिया) : आज जालन्धर राष्ट्रीय परशुराम सेना के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष रोहित भनोत(सन्नी) के दिशानिर्देश अनुसार आज जालंधर के डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी को ई-मेल के जरिए एक मांग पत्र भेजा गया। इसकी जानकारी देते हुए पंजाब प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष पंडित पवन भनोत ने बताया कि हिंदू मंदिरों के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, जोकि चिंता का विषय है। दरअसल एक षड्यंत्र के तहत 1951 में सरकार ने “हिंदू धर्म दान एक्ट” पास किया था। इस एक्ट के जरिए केंद्र सरकार ने राज्यों को अधिकार दे दिया था कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। इस एक्ट के बनने के बाद से आंध्र प्रदेश सरकार नें लगभग 34,000 मंदिरों को अपने अधीन ले लिया था। इसके इलावा देश भर के कई हिन्दू धार्मिक स्थल सरकार के अधीन हैं। जिससे हिंदुओं के तीर्थ स्थलों के पैसे हिंदुओं के हित मे ना लग कर देश की अन्य आर्थिक व्यस्थाओं पर खर्च हो रहे हैं। पवन भनोत ने जानकारी देते हुए बताया कि एक RTI में खुलासा हुआ था कि सरकार द्वारा नियंत्रित हिन्दू मंदिरों के पैसे से ईसाई मिशनरियां फलीभूत हो रही हैं। उन्होंने शंका प्रकट करते हुए कहा कि मुसलमानों को दी जाने वाली हज सब्सिडी भी हिन्दू मंदिरों के पैसे से ही दी जा रही है। जिस वजह से अपने ही देश मे हिंदुओं का लगातार पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसका एक ही समाधान है “हिंदू मंदिर एक्ट”। राष्ट्रीय परशुराम सेना हिंदू हित के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों से हिंदू मंदिर एक्ट की मांग करेगा और हिंदू मंदिर एक्ट के लिए जागरूकता मुहिम चलाएगा। हिंदू मंदिर एक्ट का ढांचा कई साधु संतों महंतों की कड़ी मेहनत से तैयार किया गया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू मंदिर एक्ट का पूरा नाम देवालय देवस्थान प्रबंधक एक्ट है। देश में हिंदुओं के 30 लाख धार्मिक स्थानों में आमतौर पर 4 तरह की मैनेजमेंट होती है जैसे कि सरकारी प्रबंध, कमेटी या ट्रस्ट, महंत/ मठाधीश, व्यक्तिगत मंदिर। इस एक्ट के जरिए हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करा कर देश के सभी 30 लाख हिंदू मंदिरों को संगठित किया जाएगा। सरकारी प्रबंध को छोड़कर बाकी प्रत्येक धर्म स्थान से एक प्रतिनिधि मंडल देवालय देवस्थान प्रबंधक समिति का सदस्य होगा। सभी सदस्य मिलकर चुनाव के द्वारा राष्ट्रीय प्रदेशिक जिला और तहसील स्तर पर एग्जीक्यूटिव बॉडी को चुनेंगे। चुनी गई समितियां सवैधानिक अधिकारों से युक्त होकर सरकार से मुक्त कराए गए मंदिरों का प्रबंध करेंगी और हिंदुओं के आंतरिक और धार्मिक मामलों को सुलझाएगी । धार्मिकता के लिए अलग-अलग अखाड़ों में से एक-एक प्रतिनिधि संत मिलकर मार्गदर्शक मंडल बनेगा,जो धार्मिक मामलों में आपसी विचार विमर्श कर के दिशा निर्देश सर्वसम्मति या बहुमत से जारी करेगा और प्रबंधक समिति मार्गदर्शक मंडल के दिशा निर्देशों को पूरे हिंदू समाज तक पहुंचा कर लागू करेगा। इसमें सरकार की दखलंदाज़ी नहीं होगी और हिंदू धर्म स्थानों में पूरी धार्मिकता संस्कृति धर्म प्रसार और गौ सेवा आदि के साथ-साथ हिंदुओं के कमजोर वर्ग के लिए शिक्षा,सेहत आदि जैसी सुविधाएं चलेंगी। जिससे हिंदुओं के धर्मांतरण पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके इलावा हिन्दू मंदिर एक्ट के अंतर्गत हिन्दू धर्म ग्रंथों, शिक्षाओं व सनातन की विषताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष विद्यालय चलेंगे,जिन पर अनुछेद 30, 30A व 30 (1) का कोई संबंध होगा राष्ट्रीय परशुराम सेना के पंजाब प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष पंडित पवन भनोत,जालंधर जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष राजन शर्मा , जालंधर जिला अध्यक्ष डाॅ विमल शर्मा , जालंधर जिला महिला विंग अध्यक्ष नीलम कालिया , जिला उपाध्यक्ष सन्नी शर्मा , जालंधर कैंट अध्यक्ष मणि शर्मा , सुमित कालिया , पंडित निखिल त्रिपाठी व अन्य उपस्थित रहे।

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