देशभर में कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का संकट
बर्ड फ्लू का पंजाब में अभी कोई ख़तरा नहीं, परन्तु सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार: कैबिनेट मंत्री तृप्त बाजवा
नई दिल्ली/जालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : कोरोना महामारी के बीच अब बर्ड फ्लू चिंता का विषय बन चुका है। बता दे कि अब तक बर्ड फ्लू देश के सात राज्यों तक पहुंच गया है। जिन राज्यों में बड़ी संख्या में कौवे और अन्य पक्षी मर रहे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए कहा कि जिन इलाकों में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां से सैंपल लेने की जरूरत है। इसके साथ ही राज्य सरकारों ने उन क्षेत्रों में कुछ प्रतिबंध लागू करने के भी आदेश दिए हैं जहां पक्षियों की मौत के मामले सामने आए हैं। ऐसी जगहों पर पोल्ट्री फॉर्म आदि बंद करवाए जा रहे हैं, साथ ही दुकानों पर अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। बताते चले कि Avian Influenza (H5N8) वायरस का एक सबटाइप है जो खास तौर से पक्षियों के जरिए फैलता है। यह बीमारी पक्षियों के बीच बहुत तेजी से फैलती है। यह इतनी घाचक होती है कि पक्षियों की मौत हो जाती है। पक्षियों से यह बीमारी इंसानों में भी फैलती है। इस वायरस की पहचान पहली बार 1996 में चीन में की गई थी। एशियाई H5N8 मनुष्यों में पहली बार 1997 में पाया गया जब हांगकांग में एक पोल्ट्री फॉर्म की मुर्गियां संक्रमित हो गई थीं। लेकिन अब बर्ड फ्लू उस समय फ़ैल रहा जिस दौर में लोग कोरोना महामारी का सामना कर रहे है। केरल में अब तक मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है। केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है। केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12,000 पक्षियों को मारा जाएगा। प्रशासन के मुताबिक, कोट्टायम जिले की प्रभावित नींदूर पंचायत में अब तक करीब 3,000 पक्षियों को मारा जा चुका है। नींदूर के एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू के कारण करीब 1,700 बत्तखों की मौत हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए कुट्टनाड क्षेत्र में ही करीब 40,000 पक्षियों को मारा जाएगा। अलप्पुझा के जिलाधिकारी ने कुट्टनाड और कार्थिकपल्ली तालुकाओं में मुर्गी और बत्तख समेत अन्य घरेलू पक्षियों के मांस, अंडों आदि की बिक्री और कारोबार पर रोक लगा दी है। वही हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं। मध्यप्रदेश के 52 जिलों में से 10 जिलों में 23 दिसंबर से अब तक कौवों की मौत का आंकड़ा लगभग 400 पहुंच गया है। हालांकि प्रदेश सरकार का कहना है कि मुर्गा और अंडे खाने से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं है। राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में मंगलवार सुबह तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया। 11 जिलों के 86 नमूनों को जांच के लिये भेजा गया है।
आज पंजाब के पशुपालन मंत्री तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा ने आज कहा कि राज्य में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई भी केस सामने नहीं आया है परन्तु सरकार किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि मीट-मछली खाने वालों को डरने की ज़रूरत नहीं सिर्फ इन वस्तुओं को अच्छी तरह पकाकर खाने की ज़रूरत है। कैबिनेट मंत्री बाजवा ने कहा कि पशुपालन विभाग राज्य सरकार के अन्य विभागों के साथ मिलकरपूरी तरह निगरानी में जुटा हुआ है जिससे बाज़ार में ग़ैर मानक मीट-मछली न बिके। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री बाजवा ने लोगों से अपील की कि वह अफ़वाहें फैलाने वालों से बचें और यदि कोई अफ़वाह फैलाता है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें।