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चुनाव 2024 : आपसी गुटबाज़ी का शिकार हो चुकी आप पार्टी के लिए आगामी चुनाव किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं, पढ़ें क्यों ??

जालंधर (विशेष रिपोर्ट) : आगामी चुनावों को लेकर राज्य में राजनितिक सरगर्मियां तेज़ हो चुकी है। राजनितिक विश्लेषकों द्वारा क्यास लगाए जा रहे है और साथ ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा पंजाब के अलग-अलग हल्कों में भी कई तरह के सर्वे किये जा रहे है। आगामी चुनावों को लेकर जालंधर शहर में सियासत दिन-प्रतिदिन तेज हो रही है। आगामी चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रयास कर रहे हैं। वही अगर पंजाब की सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी की बात की जाएँ तो कुछ अलग ही समीकरण सामने आ रहे है। जालंधर में सत्ताधारी नेताओं के बीच आपसी मन-मुटाव, मतभेद एवं गुटबंदी कही ना कही पार्टी और साथ-साथ सत्ताधारी नेताओं को बड़ा नुक्सान पहुंचाकर अन्य राजनितिक दलों को फायदा दे सकते है। बीते दिनों जालंधर सैंट्रल हल्के के अंतर्गत आते वडिंग पिंड में सत्ताधारी नेताओं के समर्थकों में जमकर मारपीट हुई है, जिससे शहर में सत्ताधारी नेताओं के आपसी मन-मुटाव, मतभेद एवं गुटबंदी पूरी तरह से जग जाहिर हुए। मगर यह आपसी मन-मुटाव, मतभेद एवं गुटबंदी आज नहीं बल्कि पंजाब विधानसभा 2022 व जालंधर लोकसभा उप-चुनाव 2023 से पहले भी सामने आ चुके है। वड़िंग पिंड में तो सिर्फ चिंगारी ही सामने आयी है। जालंधर में सियासत उस दिन से ही गर्मा रही है जब से पूर्व विधायक सुशील रिंकू कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हुए और साथ ही जालंधर लोकसभा उप-चुनाव में विजयी होकर सांसद बने तथा अपने साथ कई कांग्रेसी नेताओं, पार्षदों को आप में शामिल करवाया है। वही सांसद रिंकू ने अपने हल्के के कई दिग्गज नेताओं को भी चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी में शामिल करवाया है। सूत्रों की मानें सांसद रिंकू ने जालंधर सेंट्रल हलके से विधायक रमन अरोड़ा व जालंधर वैस्ट हलके से विधायक शीतल अंगुराल को खुड्डे लाइन कर दिया है।

[highlight color=”black”] विधायक शीतल अंगुराल व सांसद सुशील रिंकू के बीच राजनीतिक टस्सलबाज़ी[/highlight]

सर्वविदित है कि पिछले कुछ दशकों से विधायक शीतल अंगुराल व सांसद सुशील रिंकू के बीच राजनीतिक टस्सलबाज़ी चल रही है। अंगुराल व रिंकू के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश भी सर्वविदित है ऐसे में जब विधायक शीतल भाजपा छोड़ आप में शामिल हुए थे और उन्हें आम आदमी पार्टी के बड़े मंचों पर तव्वजो मिलनी शुरु हुई थी, और पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट से नवाजा था तो नि:संदेह रिंकू खेमें में स्थितियां अत्यंत विस्फोटक हो गई थी क्योंकि रिंकू के बेहद करीबी माने जाते लोग या कहे की रिंकू के सिपाहसालार धड़ाधड़ शीतल का दामन थामने लगे और परिणामस्वरूप विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा की टिकट पर चुनाव लड़े सुशील रिंकू आप के शीतल अंगुराल से पराजित हो गए। राजनीतिक व क्षेत्रीय स्तर पर अंगुराल से पराजित होना रिंकू के लिए बेहद विकट स्थिति लेकर आया और स्वयं उनकी पुश्तैनी पार्टी कांग्रेस ने रिंकू की जिलाध्यक्ष की दावेदारी को दरकिनार कर पूर्व विधायक राजेन्द्र बेरी को जिलाप्रधान नियुक्त कर वेस्ट में रिंकू का मामला और भी विकट कर दिया था l
ऐसे समय में जालंधर के दिवंगत सांसद चौधरी संतोख सिंह के अकस्माक निधन ने रिंकू के सितारों में फिर चमक भरी व राजनीतिक पंडितों की मानते हुए रिंकू ने भारी अटकलों के बाद आखिर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और पार्टी हाईकमान ने भी उन्हें अंगुराल को नजरअंदाज कर न केवल बड़े मंचों पर शीतल से ऊंचे कद के नेता के रुप में प्रस्तुत किया ब्लकि रिंकू के कद को भांपते हुए पार्टी ने अपने कई विधायकों की नाराजगी के बावजूद उन्हें सांसद के रुप में अपना उम्मीदवार चुना जिसमें काफी अटकलों के बाद व पार्टी हाईकमान की सख्ती के बाद नाराज चल रहे शीतल को रिंकू के पक्ष में जनसभाएं करनी पड़ी व खुले रुप में रिंकू का समर्थन करना पड़ा। बता दे की रिंकू को टिकट मिलने के बाद न केवल शीतल को अपने कट्टर राजनीतिक शत्रु के पक्ष में नितरना पड़ा बल्कि वैस्ट हल्के के पार्षद स्तर के नेताओं की वफादारिया फिर टूटी व इस बार यह वफादारिया सांसद का चुनाव लड़ रहे रिंकू के पक्ष में नितरी l आपसी रंजिशों की रफ्तार भी जोर पकड़ने लगी और फिर विधायक रहते जो काम शीतल ने रिंकू के वफादारों के साथ किए वही अब रिंकू ने शीतल के खेमें के सिपहसलारों के साथ करने शुरु कर दिए l सब्र का बांध टूटने का दावा करने वाले विधायक शीतल ने अपने फेसबुक लाईव में अपने सिपहसलारों पर हुए राजनीतिक हमलों को बखूबी बयान किया पर विधायक रहते उनके द्वारा रिंकू के सिपहसलारों की टूट-फूट वह छिपा गए l विधायक अंगुराल ने आप नेता की गिरफ्तारी के बाद अपनी ही पार्टी के सांसद के नजदीकी रिश्तेदारों को भी नशेडी, तस्कर व माफिया बता दिया। सूत्रों के मुताबिक विधायक शीतल अंगुराल द्वारा फेसबुक पर लाइव होकर नाम लिए बिना सांसद सुशील कुमार रिंकू के खिलाफ जमकर बयानबाजी करने पर हाईकमान ने शीतल अंगुराल पर सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था । जालंधर के पुलिस प्रशासन के लिए भी जालंधर वैस्ट की स्थिति इस समय गम्भीर चुनौती के रुप में देखी जा रही है l क्योंकि सत्ताधारी पक्ष के विधायक व सांसद की आपसी रंजिश की गाज कब किस पुलिस अधिकारी पर गिर जाए कहा नहीं जा सकता l बता दे कि जालंधर से सुशील रिंकू के कांग्रेस पार्टी छोड़ आप ज्वाइन करने व जालंधर से सांसद की टिकट मिलने के बाद से ही आप विधायक शीतल अंगुराल व उनके समर्थक राजनीतिक व सामाजिक रुप में घुटन महसूस कर रहे है।

[highlight color=”black”]कई गुटों में बंटी आप पार्टी[/highlight]

जालंधर लोकसभा उप-चुनाव दौरान सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में आप पार्टी ज्वाइन करते हुए करतारपुर के पूर्व विधायक सुरिंदर चौधरी उनके साथ जालंधर के विधायक व आप नेता। हालाँकि 5 दिन बाद ही सुरिंदर चौधरी ने आप पार्टी को अलविदा कह दिया था।

सूत्रों के मुताबिक आगामी चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी कई गुटों में बँट चुकी है, जिसमे एक गुट जालंधर सेंट्रल विधायक का है, दूसरा जालंधर वैस्ट हलके का है, तीसरा कैबिनेट मंत्री का है, चौथा जालंधर नार्थ हलके के नेताओं का गुट है। इसी बीच पांचवा व सबसे शक्तिशाली और विशाल गुट महिला नेत्री का है। महिला नेत्री गुट ने कई कांग्रेस, भाजपा, अकाली-बसपा नेताओं को आप में ज्वाइन करवाया है। इस गुट में महिला नेत्री के साथ बोर्ड चेयरमैन, जिला युवा प्रधान, कई टकसाली नेता, जालंधर कैंट के नेता इत्यादि शामिल है। इस गुट की विशेष बात है कि यह सभी गुटों को एकजुट करके पार्टी को मज़बूत बनाने का प्रयास कर रहा है। वही इसी गुट ने कई टकसाली पूर्व आप नेताओं के साथ आप पार्टी को पंजाब में काफी मज़बूती दी। आप को अलविदा कह चुके जालंधर से आप के राज्य स्तरीय नेता व जालंधर की सेन्ट्रल सीट से आम आदमी पार्टी के प्रबल उम्मीदवार रहे डा. संजीव शर्मा ने राज्य में सुबह से शाम “आम आदमी पार्टी” को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया मगर पार्टी ने उन्हें टिकट ना देकर अनदेखा कर दिया। जिसके बाद पार्टी में नेताओं के बीच आपसी मतभेद व गुटबंदी शुरू हो गयी और सत्ता हासिल होने बाद यह चिंगारी और भी भड़कने लगी। सूत्रों की माने तो विधायक रमन अरोड़ा, शीतल के चहेतों समेत कई सत्ताधारी नेताओं के खेमे से जुड़े आप वर्करों व सांसद रिंकू खेमे से जुड़े हुए समर्थकों के बीच नगर निगम चुनावों की टिकट को लेकर बड़ा राजनितिक टकराव हो सकता है।

[highlight color=”black”]असमंजस में विधायक रमन अरोड़ा[/highlight]

सूत्रों के मुताबिक विधायक अरोड़ा की स्थित काफी असमंजसपूर्वक हो चुकी है क्योकि लोकसभा उप-चुनाव से पहले रमन अरोड़ा और शीतल अंगुराल की जोड़ी जय और वीरू के सामान थी मगर सुशील रिंकू के सांसद बनने के बाद यह जोड़ी फीकी पड़ चुकी है जिसका कारण है – सांसद रिंकू व अंगुराल के बीच राजनितिक टस्सलबाज़ी। सूत्रों का कहना है कि पिछले काफी समय से रमन अरोड़ा द्वारा सांसद रिंकू को तव्वजो दे रहे है और साथ-साथ ही विधायक अंगुराल से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे है, अगर रमन अरोड़ा शीतल अंगुराल के साथ सम्पर्क रखते है तो रिंकू को नाराज़ हुआ पाते है और अगर रिंकू के साथ नज़दीकी रखते है तो अंगुराल के साथ मित्रता का धागा टूटता हुआ देखते है, ऐसे में विधायक रमन अरोड़ा व उनके समर्थकों के साथ-साथ उनके चहेते जो टिकट के चाहवान है काफी विकट परस्थिति से गुज़र रहे है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विधायक अरोड़ा के वह भी चहेते बने हुए और उनके साथ अपनी रिश्तेदारियां निकाल रहे है मगर इन चहेतों को अपने घर से मुश्किल 4 वोटें पड़नी है पर सपना पार्षद बनने का देख रहे है। आम लोगो का कहना है कि जालंधर सेंट्रल हल्क़े के अंतर्गत आते कुछ वार्डों में आप के उम्मीदवार के तौर पर दावेदारी करने वाले तथाकथित लोग जो खुद ही किसी भी पार्टी में चले जाते है और खुद ही बाहर हो जाते है, ऐसे लोग किसी पार्टी के वफादार नहीं होते बल्कि थाली के बैंगन के सामान होते है, बस यह लोग सोशल मीडिया में सत्ताधारी नेताओं के साथ अपनी फोटो डालकर, गली-मोहल्ले में अपने बोर्ड लगाकर और ज़िंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाकर नेता बन जाते है और फिर किसी सत्ताधारी नेता की चमचागिरी करते है और उनके साथ रिश्तेदारियां निकालकर अपनी चमक-धमक दिखाते है। लोगो का यह भी कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के हर क्षेत्र में लगाए जा रहे सुविधा कैंप में पार्षद पद के इच्छुक तथाकथित नेताओं द्वारा MLA साब एवं सत्ताधारी नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर अपनी टोर बनायी जा रही है मगर इनके क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पार्कों, सड़कों, सीवरेज लाइन इत्यादि की समस्यायों का कोई हल नहीं हो रहा है। आम लोगो का यह भी कहना है कि पिछले दिनों MLA साब द्वारा आयोजित सार्वजानिक धार्मिक कार्यक्रम के नाम पर निजी धार्मिक कार्यक्रम में यह चहेते, MLA साब के रिश्तेदार एवं सत्ताधारी पार्टी नेताओं के संबंध रखने वाले छूट भैया नेता कार्यक्रम में शामिल होने वाले भक्तों को अपनी चमक-धमक दिखाकर धौंस चला रहे थे। न्यूज़ लिंकर्स जल्द ही जालंधर के वार्ड पार्षद पद के इच्छुक तथाकथित नेताओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रकाशित करेगा (क्रमश)

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