जालंधर (योगेश सूरी) : खालिस्तानियों को कनाडा में समर्थन देने के मामले में भारत और कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार झुकती दिखाई दे रही है।
भारत द्वारा खालिस्तानी समर्थकों पर बढते दबाब व विश्व भर में हो रही किरकिरी से घबराई कनाडा सरकार ने खालिस्तानी समर्थकों की धीरे-धीरे लगामे कसनी शुरु की है l
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कनाडा के कई गुरुद्वारों में लगे विवादित बैनर सरकार ने हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। ये वही बैनर हैं, जिन पर भारतीय उच्चायोग और अन्य सदस्यों को धमकियां दी गई थीं।
सरकार के बदलते रुख के बाद खालिस्तानी समर्थकों की आवाज भी दबनी शुरू हो गई है। हालांकि जस्टिन ट्रूडो की सरकार अपना वोट बैंक देखते हुए खुलकर खालिस्तानियों को निर्देश नहीं दे रही, लेकिन धीरे-धीरे उनकी गतिविधियों पर रोक भी लगाती जा रही है। इन आदेशों के बाद कनाडा के गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर लगे पोस्टरों और बैनर को हटा भी दिया गया है।यह वही बैनर है, जिस पर भारतीय उच्चायोग संजय कुमार वर्मा की तस्वीर लगी हुई थी।
इसके अलावा काउंसिल जनरल अपूर्वा श्रीवास्तव व मनीष की तस्वीरें भी साथ थी। इन बैनरों पर रेफरेंडम 2020 का जिक्र भी है और इसके जरिए भारत को तोड़ने का भी संदेश दिया गया था। इन बैनरों के एक तरफ खालिस्तानी समर्थक रहे तलविंदर सिंह परमार और दूसरी तरफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की तस्वीर भी लगी हुई थी।
हलांकि कुछ दिन पहले खालिस्तानी समर्थक व कनाडाई मंत्री हरजीत सज्जन के भी बोल बदले दिखे थे। आतंकी सिख फॉर जस्टिस के मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारतीय हिंदुओं को कनाडा छोड़ कर जाने के लिए कह दिया था।
हिंदुओं व कनाडाई सरकार में इसका विरोध होने के बाद मंत्री सज्जन ने बयान दिया था कि यह कनाडा हिंदुओं का भी घर है। किसी के कहने से इस पर कोई फर्क नहीं पड़ता।