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जबरन डिपोर्ट 104 भारतीय कभी नहीं जा पाएगें अब US समेत इन 20 देशों में, पंजाब के 30 और गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग

जालंधर (योगेश सूरी) : अमेरिकी सैन्य विमान C17 ग्लोबमास्टर बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए हैं। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे।
अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों का वैरिफिकेशन किया गया। यहां से इमिग्रेशन और कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। पंजाब में डिपोर्ट किए लोगों को पुलिस की गाड़ियों से उनके घर भेजा गया।

इन 104 अवैध प्रवासी में से 48 की उम्र 25 साल से कम है। 13 नाबालिग हैं, जिनमें 4 साल का बच्चा भी है। अमृतसर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पुलिस की गाड़ियों में उनके गांव ले जाया गया। बाकी राज्य के लोगों को फ्लाइट के जरिए भेजा गया। ये सभी अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे। US मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के मुताबिक, 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। करीब साढ़े 3 घंटे बाद US एयरफोर्स विमान वापस लौट गया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इन्हें भारत भेजा जाएगा। 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे। ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे। ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है। ये चार्टर्ड उड़ान से लगभग छह गुना ज्यादा है।

अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट के अनुसार 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीय डिपोर्ट होंगे। ट्रम्प ने ये कार्रवाई ऐसे समय की है, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिन की यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं। 13 फरवरी को पीएम की ट्रम्प के साथ वार्ता प्रस्तावित है। वहीं पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने अमृतसर एयरपोर्ट जाकर पंजाब के डिपोर्ट लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने कहा- PM नरेंद्र मोदी कहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प उनके दोस्त हैं। वे उनका प्रचार भी करने गए थे। वे ट्रम्प से मिलकर इसका हल निकालें। जबरन डिपोर्ट इन सभी के बायोमीट्रिक स्कैन लिए गए हैं। भविष्य में अगर ये वैध दस्तावेजो पर भी अमेरिका जाने का प्रयास करेंगे तो वीजा नहीं मिलेगा। कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन समेत 20 अन्य देशों में भी नहीं जा पाएंगे, क्योंकि अमेरिका की वीजा नीति करीब 20 देश फॉलो करते हैं। पुलिस जांच करेगी कि ये अवैध प्रवासी अमेरिका में कैसे पहुंचे। इनमें कुछ ऐसे हो सकते हैं जो टूरिस्ट वीसा लेकर अमेरिका गए और अवैध रूप से वहीं रहने लगे। इन पर भारत में कोई केस नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने अपराध अमेरिका की जमीन पर किया है, भारत की जमीन पर नहीं। पुलिस यह भी जांच करेगी कि क्या ये भारत में कोई अपराध करके अमेरिका भागे थे या फिर किसी मानव तस्करी गिरोह की मदद से अमेरिका पहुंचे थे। ऐसे मामलों में उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

केस दर्ज होने पर कितनी सजा हो सकती है?

हर केस की धाराओं और मुकदमे के प्रकार पर निर्भर है। 1 से 7 साल तक सजा व जुर्माना संभव है। चार तरह की कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

  1.  पासपोर्ट में हेराफेरी की हो या नष्ट किया हो तो नागरिकता अधिनियम 1955 व पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अनुसार कार्रवाई हो सकती है।
  2. अगर हवाला के जरिए मानव तस्करों को डंकी रूट से पहुंचाने के लिए पैसा दिया गया तो आयकर अधिनियम 1961 में ईडी कार्रवाई कर सकती है।
  3. अगर भारत से भागने के बाद अवैध तरीके से धन या संपत्ति भी भारत से बाहर ले गए थे तो सीमा शुल्क अधिनियम 1962 में कार्रवाई हो सकती है।
  4. अवैध रूप से भारत की सीमा पार कर दूसरे देश भागने वालों पर इमिग्रेशन अधिनियम 1983 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी

प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा है। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक 1990 में अमेरिका में जहां 2.33 करोड़ प्रवासी थे, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 4.98 करोड़ पर पहुंच गया। यानी अमेरिका में प्रवासियों की संख्या 110 फीसदी बढ़ी। वहीं, साल 2023 के डेटा के मुताबिक अभी ये घटकर 4.78 करोड़ हैं।

ट्रम्प सरकार ने 11 दिन में 25 हजार अवैध अप्रवासी हिरासत में लिए

ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके 11 दिन में ही 25 हजार से ज्यादा अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया। ट्रम्प की आइस टीम (इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट) ने 12 राज्यों में छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। मैक्सिको से घुसपैठ की घटनाओं में 94%कमी हुई है l

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