जालंधर (योगेश सूरी) : दशकों तक कांग्रेस के मजबूत किले के रुप में जानी जाती जालंधर की लोकसभा सीट पर इस बार सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के पसीने छूटने वाले है क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस के चरणजीत चन्नी को छोड़कर तीनों प्रमुख उम्मीदवार पलटमारी करके उम्मीदवारी हासिल करने में सफल हुए है। हालाँकि उप-चुनाव में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए सुशील कुमार रिंकू (अब BJP में) ने कांग्रेस का किला फतह कर लिया था। इस सीट पर इस बार सभी पार्टियों में बड़ा फेरबदल हुआ है। जालंधर में कुल 5 प्रमुख पार्टियां जोर में हैं। इसमें कांग्रेस, AAP, SAD, BJP और BSP शामिल हैं। इन पार्टियों में से BJP, SAD और AAP के उम्मीदवार दूसरी पार्टियों से आए हैं। तीनों पार्टियों के घोषित उम्मीदवार दशकों से विपक्षी पार्टियों में प्रमुख नेता के तौर पर काम कर रहे थे। अब इन्होंने पार्टी बदलने का फैसला लिया। इन्हीं गतिविधियों को देखते हुए जालंधर सीट राज्य की सबसे हॉट-सीट बन गई है। इस सीट के सभी घोषित उम्मीदवार रविदास समाज से संबंध रखते हैं। जालंधर में सबसे ज्यादा रविदास समाज का वोट बैंक है। इसके चलते सभी पार्टियों ने उम्मीदवार भी रविदास समाज के उतारे हैं। BJP ने जालंधर सीट से पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू को उम्मीदवार बनाया है। वह AAP छोड़कर आए हैं। रिंकू उससे पहले कांग्रेस छोड़ कर AAP में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने दिवंगत कांग्रेसी सांसद संतोख सिंह चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी (अब BJP में) को हराया था।
देश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीते दिन सुशील कुमार रिंकू ने भाजपा जॉइन कर ली। बता दें कि रिंकू AAP के पंजाब में एकमात्र लोकसभा सदस्य थे। उनके साथ जालंधर वेस्ट से विधायक शीतल अंगुराल ने भी भाजपा जॉइन की थी। जब रिंकू ने BJP जॉइन की थी, उस समय वह AAP के घोषित लोकसभा उम्मीदवार थे। सुशील कुमार रिंकू ने दशकों तक कांग्रेस में रहते हुए राजनीति की। वह जालंधर वेस्ट हलके से विधायक रह चुके हैं। अब एक साल में रिंकू ने 2 पार्टियां बदल ली हैं।
पंजाब के दोआबा एरिया में शिरोमणि अकाली दल (बादल) के वरिष्ठ नेता रहे पवन कुमार टीनू ने हाल ही में पंजाब के CM भगवंत मान से मिलकर AAP जॉइन कर ली। रिंकू के जाने के बाद AAP ने टीनू को जालंधर से उम्मीदवार घोषित किया है। पवन टीनू अकाली दल के आदमपुर हलके से विधायक रहे हैं। टीनू के साथ अकाली दल छोड़ कर कई नेताओं ने AAP जॉइन की। पवन कुमार टीनू अकाली दल द्वारा दरकिनार किए जाने से नाराज थे। करीब दो दशकों तक टीनू अकाली दल के साथ रहे। उससे पहले टीनू बसपा के साथ भी जुड़े हुए थे। टीनू ने SAD छोड़कर AAP मे शामिल होने के बाद कैंपेनिंग भी शुरू कर दी है। टीनू जालंधर के आदमपुर और उसके आसपास के एरिया में अच्छी पकड़ रखते हैं। 2012 में पहली बार वह पंजाब विधानसभा सदस्य चुने गए। शुरू से टीनू SAD के साथ रहे। उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें 70981 वोटों से हार मिली। टीनू 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए। बीते चुनाव में वह कांग्रेस के सुखविंदर सिंह कोटली से हार गए थे। पंजाब में जालंधर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और सांसद रहे मोहिंदर सिंह केपी और उनका परिवार करीब 6 दशकों बाद SAD में शामिल हो गया। सोमवार को पार्टी जॉइन कराने के लिए अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल उनके घर पहुंचे थे। जिसके तुरंत बाद सुखबीर बादल ने केपी को जालंधर से SAD उम्मीदवार घोषित कर दिया। बता दें कि जालंधर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार और पंजाब के पूर्व CM रहे चरणजीत सिंह चन्नी और मोहिंदर सिंह केपी एक दूसरे के रिश्तेदार भी हैं। कांग्रेस ने केपी को काफी समय से दरकिनार कर दिया था, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया। मोहिंदर सिंह केपी जालंधर के दलित समाज में मजबूत पकड़ रखते हैं। जालंधर में SAD के लिए उम्मीदवार ढूंढ़ना मुश्किल हो गया था। केपी के आते ही उन्हें SAD ने कैंडिडेट बनाया।