BREAKINGCHANDIGARHDOABAJALANDHARMAJHAMALWAPOLITICSPUNJAB

लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में खेरु-खेरु कांग्रेस : सिद्धू-बाजवा की जुबानी जंग के बाद आमने-सामने लगे अखाड़े, आशू-वड़िंग के तंजो ने हिलाई पार्टी की चूले

जालंधर (योगेश सूरी) : लोकसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले पंजाब में कांग्रेस के सीनियर नेताओं की बयानबाजी से पार्टी में घमासान मच गया है। विपक्षी दलों के विरुद्ध रणनीति तैयार करने की बजाय कांग्रेसियों की आपसी लड़ाई पार्टी की सीनीयर लीडरशीप आपस में ही भिड़ गए है। इसकी शुरुआत पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू की बठिंडा रैली से हुई। जिसमें पहले कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू को लम्बी चौड़ी नसीहत दे डाली।जिसके बाद सिद्धू और पंजाब कांग्रेस संगठन का खेमा आमने-सामने हो गया। अब 2 दिन पहले जगराओं रैली में पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और वर्किंग प्रधान भारत भूषण आशू ने खुले मंच से एक-दूसरे पर तंज कस डाले।पंजाब कांग्रेस संगठन से अलग चल रहे नवजोत सिद्धू ने बठिंडा के मेहराज में रैली की। इसी दिन शाम को प्रताप बाजवा लुधियाना के खन्ना पहुंचे। उन्होंने सिद्धू को दो-टूक नसीहत देते हुए कहा-” वह अपना अलग अखाड़ा न लगाएं। यह अच्छी बात नहीं है। सिद्धू पार्टी के साथ चलें। पार्टी के मंच पर आएं।” बाजवा सिद्धू पर तंज कसने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि सिद्धू के प्रधान रहते कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनाव में 78 से 18 सीटों पर आ गई।इस पर सिद्धू ने पलटवार करते हुए कहा- ”मुझे बहुत खुशी होगी, अगर कांग्रेस की विचारधारा, पंजाब के पुनरुद्धार के एजेंडे का प्रचार करने और वर्तमान सरकार को जन कल्याण के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए 100 कांग्रेसी भी एक गांव या शहर में इकट्ठा हों।इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस कांग्रेस नेता को मुख्य अतिथि के रूप में चुनते हैं। यह हमारी पार्टी को मजबूत करता है क्योंकि अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने से जमीनी स्तर पर नेतृत्व का निर्माण होगा। 8 हजार समर्थकों के लिए बाधा क्यों बनें और सुविधा क्यों नहीं?इसके बाद सिद्धू और बाजवा के समर्थन में पंजाब कांग्रेस आगे आ गई। पहले सिद्धू खेमे के पूर्व MLA नाजर सिंह मानशाहिया, राजिंदर समाणा, महेशइंदर सिंह, रमिंदर आंवला, जगदेव कमालू आदि ने सवाल खड़े किए कि सिद्धू को कांग्रेस के कार्यक्रम में क्यों नहीं बुलाया जाता?। हम अगर कांग्रेस की मजबूती के लिए रैली में जाते हैं तो हमें बुरा क्यों कहा जाता है?। हमारे साथ पक्षपात क्यों किया जाता है?।इसके जवाब में पंजाब कांग्रेस के खेमे से गुरदासपुर MLA बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, पूर्व विधायक कुलबीर जीरा, इंद्रबीर सिंह बुलारिया, मोहित मोहिंद्रा सामने आए।उन्होंने सीधे कहा कि सिद्धू पार्टी में रहकर अंदरूनी बारूद का काम कर रहे हैं। वह किसी भी समय पार्टी के खिलाफ विस्फोट कर सकते हैं। उन्हें कांग्रेस से बाहर निकाला जाए।गुरुवार को जगराओं रैली में कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग और वर्किंग प्रधान आशू के बीच खटास दिखी। राजा वड़िंग ने मंच पर पहुंचकर रैली में आए लोगों को कहा कि ठंड में आप 4-5 घंटे से इंतजार कर रहे हो।इस पर आशू बोल उठे कि फिर आपको जल्दी आना चाहिए। जब रैली के बारे में पहले से पता है। यह सुनकर राजा वड़िंग भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि आशू उन्हें दबके मार रहे हैं। यह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खास हैं, इन्हें दिल्ली जाकर हाईकमान को दबका मारना चाहिए।पंजाब के पिछले विधानसभा चुनाव में नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी के बीच खूब लड़ाई चली। सिद्धू तब पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे और चन्नी मुख्यमंत्री। कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद सिद्धू खुद सीएम बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने चन्नी को बना दिया। जिसके बाद चन्नी के फैसलों की सिद्धू मीडिया में जाकर बखिया उधेड़ने लगे। चन्नी जिस फैसले पर वाहवाही करते, सिद्धू उसमें कमियां निकाल देते।चुनाव के वक्त सिद्धू और चन्नी में सीएम चेहरे की जंग शुरू हो गई। यहां फिर राहुल गांधी का साथ चन्नी को मिला। जिसके बाद सिद्धू ने प्रचार से दूरी बना ली। चुनाव परिणाम में 2017 कांग्रेस को 117 में से 78 सीटें मिली लेकिन इस लड़ाई के बाद कांग्रेस 2022 में 18 सीटों पर सिमट गई। इस लड़ाई के दोबारा शुरू होने से अब फिर लोकसभा को लेकर कांग्रेसियों की टेंशन बढ़ी हुई है।

AAP से गठजोड़ को लेकर पहले ही टेंशन में कांग्रेसी
पंजाब के कांग्रेसी पहले से ही टेंशन में हैं। इसकी वजह INDIA गठबंधन है। इसमें कांग्रेस के साथ पंजाब में सरकार चला रही AAP भी शामिल है l AAP के साथ यह गठबंधन भी कांग्रेस की सीनीयर लीडरशिप के लिए गले की फांस बना हुआ है l बहरहाल पार्टी के अंदरुनी घमासान के चलते कांग्रेस को पंजाब में लोकसभा चुनावों में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!