जालंधर / नई दिल्ली (हितेश सूरी) : केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का 10वें दिन भी दिल्ली बॉर्डर पर जमावड़ा लगा हुआ है। इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए विज्ञानं भवन में मोदी सरकार और किसान नेताओं की पांचवें दौर की बैठक शुरू हो गई है। टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। प्रदर्शकारियों का कहना है कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए उन प्रावधानों का संभावित हल तैयार कर लिया है जिन पर किसानों को ऐतराज है। किसानों ने भावी कदम तय करने के लिए दिन के समय बैठक की। बैठक के बाद किसान नेताओं में एक गुरनाम सिंह चडोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि केंद्र सरकार वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव हरिंदर सिंह लखवाल ने कहा कि आज की हमारी बैठक में हमने 8 दिसम्बर को ‘भारत बंद’ का आह्वान करने का फैसला किया और इस दौरान हम सभी टोल प्लाजा पर भी कब्जा भी कर लेंगे। लखवाल ने यह भी कहा कि यदि इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो हमने आने वाले दिनों में दिल्ली की शेष सड़कों को अवरूद्ध करने की योजना बनाई है। वही हरिंदर सिंह ने भी कहा कि किसान शनिवार को केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले फूकेंगे। 7 दिसम्बर को खिलाड़ी किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने पदक लौटाएंगे। बता दें कि किसान नेता अपनी इस मांग पर अड़ गये हैं कि इन नये कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र संसद का विशेष सत्र बुलाये। उनका कहना है कि वे नये कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाये। आज अगले दौर की बैठक में सरकारी पक्ष का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे और उनके साथ खाद्य मंत्री पीयूष गोयल एवं वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी होंगे। वीरवार को तोमर ने विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया था कि सरकार किसान संगठनों की चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत मंडियों को मजबूत बनाने, प्रस्तावित निजी बाजारों के साथ समान परिवेश सृजित करने और विवाद समाधान के लिये किसानों को ऊंची अदालतों में जाने की आजादी दिये जाने जैसे मुद्दों पर विचार करने को तैयार है। इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे है । इस बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई थी।
पीएम मोदी ने बुलाई थी उच्च स्तरीय बैठक
पीएम मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलवाई जिसमे गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए थे। पीएम मोदी के साथ किसान आंदोलन के मामले पर अमित शाह, राजनाथ सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। बैठक में शामिल होने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी पीएम आवास पर पहुंचे थे। इससे पहले प्रदर्शनकारी किसानों की मांगे को सुलझाने को लेकर राजनाथ सिंह और अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि मोदी का केंद्रीय मंत्रियों के साथ विचार-विमर्श किसानों के प्रदर्शन् को खत्म कराने की केंद्र की कोशिश को दर्शाता है और यह इसलिए भी अहम है कि प्रधानमंत्री स्वयं संकट को सुलझाने में सक्रिय हैं।