चंडीगढ़/जालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : पंजाब में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के करोड़ों रुपए के घोटाले के बारे में खबर आयी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की इस योजना में पंजाब में लाभार्थी किसान परिवारों की संख्या 17.84 लाख से अधिक है जो इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष प्रति किसान 6000 रुपए ले रहे हैं। बता दे कि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 10.25 लाख किसान परिवार हैं। तो पौने 8 लाख किसान कहां से आ गए और 450 करोड़ रुपए से अधिक की केंद्र सरकार की राशि किन किसानों के पास जा रही है , इसकी जांच प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर ऑडिट की एक विशेष टीम द्वारा चंडीगढ़ में शुरू कर दी गयी है। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2018-19 में यह योजना शुरू की थी। पंजाब सरकार के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 10,25,000 छोटे, मध्यम और बड़े किसान परिवार हैं। बता दे कि केंद्र सरकार के कृषि अधिनियमों का विरोध कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार की इस योजना को खुद के साथ शिद्दत से जोड़ लिया। सिर्फ जोड़ा ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार की इस योजना में एक-एक किसान परिवार में से एक से अधिक लोगों ने खुद को घर से अलग दिखाकर इस योजना का फायदा लिया है। हैरानी की बात तो यह है कि पंजाब सरकार ने अपने आंकड़ों में किसान परिवारों की संख्या 10.25 लाख दिखा रखी है लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना में राज्य सरकार ने किसान परिवारों की संख्या 17,84,115 लाख होने का अनुमोदन कर दिया। किसानों को प्रत्येक तीसरे माह दी जाने वाली इस योजना की राशि में प्रतिवर्ष 450 करोड़ रुपए का यह सीधा झटका है। सूत्रों के अनुसार किसी भी राजनीतिक पार्टी ने इस योजना में अपने लोग शामिल करवाने में कसर नहीं छोड़ी। चाहे वह कांग्रेस हो या अकाली दल। इसमें ज्यादातर अमीर किसान व किसान नेता इस योजना में शामिल हो रहे हैं। इन फर्जी किसानों में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं इसकी आशंका भी केंद्र सरकार को है। सूत्रों के मुताबिक इस योजना की पहले से भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की ऑडिट टीम द्वारा जांच की जा रही थी जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर एक विशेष ऑडिट टीम इस जांच के लिए अलग से लग गई है। पिछले कुछ दिनों से यह विशेष टीम कृषि विभाग, राजस्व विभाग, जल स्रोत विभाग से लाभार्थी किसानों से तथ्य एकत्र कर रही है। यह मामला सीधा 450 करोड़ की अतिरिक्त राशि से जुड़ा है। केंद्र सरकार की विशेष टीम के एक सूत्र ने बताया कि आगामी सप्ताह यह टीम अपनी सरगर्मियां गांवों में लेकर जाएगी और पौने 8 लाख किसान परिवारों की संख्या में वृद्धि की जांच करेगी। केंद्र सरकार द्वारा इस मामले की जांच भी करवाई जा रही है कि किसान आंदोलन में एक मुख्य किसान नेता जिसका पंजाब में शिक्षण संस्थान भी है, ने अनुसूचित जाति स्कॉलरशिप योजना में दलित छात्रों के कथित तौर पर लाखों रुपए ठगे हैं परन्तु पंजाब सरकार उसके विरुद्ध जांच क्यों नहीं करवा रही और कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। इन बातों को लेकर संबंधित विभाग का कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ।
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