नई दिल्ली (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश आज एक दोराहे पर खड़ा है। एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ माँगों के समर्थन में डटा हुआ है वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार ग़रीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है।कोरोना की चौतरफ़ा मार सेध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है। आज कच्चे तेल की क़ीमत $ 50.96 प्रति बैरल हैयानी मात्र ₹23.43 प्रति लीटर। पर इसके बावजूद डीजल ₹74.38 और पेट्रोल ₹84.20 प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। येपिछले 73 साल मेंसबसेअधिक है।अंतराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय एक्साइज ड्यूटी में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्डतोड़ दिए हैं। पिछले साढ़ेछह सालों में मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा लगभग ₹19,00,000 करोड़ आम जनता की जेब से वसूलें हैं।यही नही गैस सिलेंडर के दामों मेंभी भाजपा सरकार नेबेतहाशा क़ीमतें बढ़ा हर घर का बजट बिगड़ा है।
मैं सरकार से माँग करती हूँ कि वह पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी की दरेंयूपीए शासन के समान करेऔर त्रस्त जनता
को तत्काल राहत प्रदान करे।मैंसरकार सेतीनों खेती कानूनों को भी तत्काल रद्द करके किसानों की सभी माँगें पूरी करने की पुरज़ोर माँग करती हूँ।