डीसी जालंधर ने स्वस्थ्य विभाग को कोविड पॉजिटिव मामलों के सभी संपर्कों की आरटीपीसीआर टैस्टिंग को सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

जालंधर (हितेश सूरी) : जालंधर में कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने और मृत्यु दर को कम करने के लिए डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी ने स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए है कि जालंधर में कोविड पॉजिटिव मामलों के सभी संपर्कों को रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) मशीनों के माध्यम से ही जांचा जाए। मुख्य सचिव विन्नी महाजन की अध्यक्षता में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेते हुए श्री थोरी ने कहा कि जिला प्रशासन पिछले कुछ दिनों से आरएटी और आरटीपीसीआर सहित हर दिन 4500 टैस्ट कर रहा है, लेकिन अब प्रशासन द्वारा आरटीपीसीआर मशीनों के माध्यम से हर पॉजिटिव केस के सभी संपर्कों के सैंपल लिए जाएंगे। इस अवसर पर एडीसी विशेष सारंगल और जसबीर सिंह भी उपस्थित थे। श्री थोरी ने कहा कि आरटीपीसीआर टैस्ट आरएटी की तुलना में अधिक प्रभावी है , इसलिए जितनी जल्दी हो सके अधिक गंभीर मामलों का पता लगाने और उन्हें अलग करने की आवश्यकता है , जिससे मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। श्री थोरी ने कहा कि हर पॉजिटिव मामले के संपर्क को आरटीपीसीआर मशीनों के माध्यम से जांचा जाएगा और स्वास्थ्य विभाग को जालंधर में सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है। इस महामारी को नियंत्रित करने और ट्रांसमिशन श्रृंखला को तोड़ने और रोगियों का जल्द से जल्द इलाज करने और रोगियों को अलग करने का यह ही एकमात्र तरीका है। श्री थोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर सहित वाक-इन टैस्टिंग और कोविड -19 के संदिग्ध रोगियों के लिए घरेलू पृथक्करण के माध्यम से टैस्ट शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन कोविड -19 महामारी कारण पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और निजी और सरकारी अस्पतालों में पहले से ही बेडों के प्रबंध कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन इस कठिन समय में लोगों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। इस अवसर पर एसडीएम राहुल सिंधु , एसडीएम गौतम जैन , एसडीएम संजीव कुमार शर्मा , सहायक कमिश्नर हरप्रीत सिंह , हरदीप सिंह , सहायक सिविल सर्जन डॉ गुरमीत कौर दुग्गल व अन्य मौजूद थे।