जालंधर (न्यूज़ लिंकर्स ब्यूरों) : पूर्णिमा तिथि के चन्द्र दर्शन के बाद जो चौथ आती है, उसी दिन करवाचौथ का पर्व मनाए जाने का विधान है। अखंड सुहाग के लिए बुधवार को महिलाएं करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। इस साल करवाचौथ पर 90 साल बाद शिवयोग बन रहा है। इसके अलावा शंक, दीर्घायु, हंस, गजकेसरी, अमृत और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं जो सुख, समृद्धि और दीर्घायु प्रदान करेंगे। पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास घुलेगी। करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी एक ही दिन मनाए जाते हैं। इस व्रत को अन्न और जल ग्रहण किए बिना रखा जाता है। सूर्योदय से व्रत का आरंभ करके रात में चन्द्रमा का दर्शन करने के बाद व्रत पूर्ण होता है। इस दिन पूरे शिव परिवार की पूजा होती है। व्रत का समापन चन्द्र देव के दर्शन और उनको अर्घ्य अर्पण करने के बाद होता है। करवाचौथ पर महिलाओं को रात गुलाबी सर्दी के बीच चांद का दीदार होगा। पिछले साल की तरह बादलों की ओट में छिपा चांद उन्हें परेशान नहीं कर पाएगा। करवा चौथ व्रत का समय सुबह 06:35 से आरंभ होकर रात 08:12 तक रहेगा। चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ 4 नवम्बर की सुबह 03:24 बजे से लेकर 5 नवम्बर, 2020 की सुबह 05:14 तक रहेगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त– सायं 5:34 से लेकर 6:52 तक
उत्तम मुहूर्त– सायं 4:16 से 5:38 तक
चंद्र दर्शन- रात 8:12 बजे तक
भारत के शहरों में चांद निकलने का समय
जालंधर – 8:13
नोएडा– 8:11
मुंबई- 8 :52
दिल्ली– 8:12
देहरादून- 8 :05
लखनऊ- 8: 00
शिमला- 8 :06
गांधीनगर- 8:42
अहमदाबाद- 8:45
कोलकाता- 7: 40
पटना- 7:45
कानपुर- 8:07
चंडीगढ़- 8:09
लुधियाना- 8:11
जम्मू – 8:11